इंदौर शहर में आपराधिक गतिविधियों पर काबू पाने के लिए पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने एक अत्याधुनिक प्रयोग की शुरुआत की है। अब शहर के उन इलाकों पर भी पैनी नज़र रखी जाएगी, जहाँ बदमाश अंधेरे या शेडो एरिया का फायदा उठाकर नशे, शराब और अन्य अवैध गतिविधियों को अंजाम देते हैं। पुलिस ने इसके लिए इंफ्रारेड कैमरों से लैस हाई-टेक ड्रोन का उपयोग शुरू किया है, जो रात के घुप्प अंधेरे में भी अपराधियों को पहचानने और पकड़ने में सक्षम है।
रात में भी साफ दिखाएगा इंफ्रारेड ड्रोन
पुलिस मुख्यालय भोपाल से मिले इस आधुनिक ड्रोन को थाना एमआईजी से लॉन्च किया गया। ड्रोन की खासियत यह है कि यह 5 किलोमीटर के रेडियल एरिया को एक बार में स्कैन कर सकता है और लगभग 30 मिनट लगातार उड़ान भर सकता है। दिन के समय के साथ-साथ यह ड्रोन रात में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों को भी बखूबी कैप्चर कर सकता है।
शहर के कई इलाकों में हुई सर्चिंग
एनसीसी ग्राउंड, एमआईजी क्षेत्र से ड्रोन की पहली उड़ान के दौरान विजयनगर, खजराना, तुकोगंज, परदेशीपुरा और एमआईजी के कई हिस्सों को स्कैन किया गया। जैसे ही ड्रोन ने किसी संदिग्ध मूवमेंट को कैप्चर किया, तुरंत बीट आरक्षकों को मौके पर भेजकर स्थिति की पुष्टि कराई गई।
साथ ही कई संवेदनशील और शेडो एरिया जैसे रुस्तम का बगीचा, पंचम की फेल, देवनगर, नंदानगर, छोटी खजरानी, स्वर्णबाग, सेठी नगर, भूसामंडी और खजराना क्षेत्र में भी ड्रोन की निगरानी से सर्चिंग करवाई गई।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में अभियान
इस ऑपरेशन को पुलिस उपायुक्त ज़ोन-02 कुमार प्रतीक के निर्देशन में आगे बढ़ाया गया। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अमरेंद्र सिंह और सहायक पुलिस आयुक्त परदेशीपुरा हिमानी मिश्रा की उपस्थिति में पूरे इलाके की ड्रोन से मॉनिटरिंग की गई। इस दौरान थाना प्रभारी एमआईजी सी. बी. सिंह और उनकी टीम भी मौके पर मौजूद थी।
अपराध नियंत्रण की दिशा में बड़ा कदम
इंदौर पुलिस का यह हाई-टेक ड्रोन प्रोजेक्ट शहर में सुरक्षा और निगरानी के नए मानक स्थापित करेगा। अब छुपे हुए इलाकों, भीड़भाड़ क्षेत्रों और अपराध प्रवृत्ति वाले स्थानों पर तुरंत कार्रवाई संभव होगी, जिससे शहर की कानून-व्यवस्था और मजबूत बनेगी।