आईएएस संतोष वर्मा के विवादित बयान को लेकर प्रदेश में बढ़ते असंतोष के बीच कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के विधायकों का एक संयुक्त प्रतिनिधि दल मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिला। प्रतिनिधियों ने संतोष वर्मा को तत्काल निलंबित करने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग रखी।
विवादित बयान पर नाराजगी, समाज में बढ़ रहा तनाव
मध्यप्रदेश अजाक्स के अध्यक्ष आईएएस संतोष वर्मा द्वारा दिए गए बयान ने ब्राह्मण समाज में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस टिप्पणी ने समाज की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है और प्रशासनिक गरिमा पर भी प्रश्नचिह्न खड़े किए हैं। उनका कहना था कि जिस पद पर वर्मा कार्यरत हैं, वहां से इस तरह की भाषा किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हो सकती।
कांग्रेस दल ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
कांग्रेस की ओर से उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के नेतृत्व में टीम ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। उनके साथ पूर्व मंत्री पी.सी. शर्मा, अशोक पांडे, पुष्पेंद्र मिश्रा, कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी और कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि मौजूद रहे। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि सरकार को तत्काल कदम उठाकर वर्मा को निलंबित करना चाहिए, ताकि स्पष्ट संदेश जा सके कि समाज को बांटने वाले शब्द और गैरजिम्मेदाराना आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भाजपा विधायकों ने भी जताई आपत्ति
इस मुद्दे पर भाजपा के कई विधायकों ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की और मुख्यमंत्री के समक्ष निलंबन की मांग रखी। भाजपा प्रतिनिधि दल में रीति पाठक, सीतासरण शर्मा, रमेश मेंदोला और अभिलाष पांडे शामिल थे। भाजपा नेताओं का कहना था कि किसी भी वर्ग या समुदाय को अपमानित करने वाले अधिकारी के खिलाफ विभागीय स्तर पर कड़ी कार्रवाई आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके।
विभिन्न जिलों में बढ़ते विरोध प्रदर्शन
प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को यह भी बताया कि संतोष वर्मा के बयान के बाद प्रदेश के कई जिलों में विरोध तेज हो गया है। ब्राह्मण समाज के संगठनों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन व्यापक रूप ले सकता है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन पर तुरंत निर्णय लेने का दबाव बढ़ गया है।
मुख्यमंत्री का आश्वासन
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दोनों दलों के प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रही है और उपलब्ध तथ्यों के आधार पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।