मध्य प्रदेश में अवैध खनन और वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। इसी अभियान के तहत कटनी जिले के विजयराघवगढ़ से विधायक संजय पाठक से जुड़ी खनन कंपनियों पर बड़ा दंडात्मक कदम उठाया गया है। सरकार ने कंपनियों को कुल 450 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस जारी किया है, जिसे हाल के वर्षों में खनन क्षेत्र से जुड़ा सबसे बड़ा आर्थिक नोटिस माना जा रहा है।
अवैध खनन की जांच के बाद नोटिस
जांच एजेंसियों द्वारा की गई विस्तृत पड़ताल में कई अनियमितताओं और अवैध खनन गतिविधियों के संकेत मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई। अधिकारियों का कहना है कि कंपनियों ने निर्धारित मानकों और अनुमति शर्तों का पालन नहीं किया, जिससे न केवल राजस्व की हानि हुई बल्कि पर्यावरणीय नुकसान के भी कई पहलू सामने आए। इसी आधार पर 4.5 अरब रुपये की वसूली का आदेश जारी किया गया है।
सरकार का सख्त रुख
राज्य सरकार पिछले कुछ समय से खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और सख्ती लागू करने पर जोर दे रही है। विभिन्न जिलों में खनन लाइसेंस, उत्पादन क्षमता और वास्तविक खदान संचालन की जांच चल रही है। संजय पाठक से जुड़ी कंपनियों पर नोटिस जारी होना इस बड़े अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है।
कटनी जिला प्रशासन ने रिपोर्ट तैयार कर मामला सरकार को भेजा था। प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर निर्णय लिया गया कि खनन कंपनियों पर भारी आर्थिक दंड लगाया जाए। प्रशासन का कहना है कि वसूली प्रक्रिया निर्धारित समयसीमा में पूरी करने के लिए आगे की कार्रवाई भी तय की जा रही है।
संजय पाठक राज्य की राजनीति में प्रभावशाली चेहरा रहे हैं, ऐसे में नोटिस जारी होने के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। विपक्ष इसे सरकार की देरी से हुई कार्रवाई बता रहा है, जबकि सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं का मानना है कि खनन क्षेत्र में पारदर्शिता कायम रखने के लिए यह कदम आवश्यक था। आगे यह मामला किस दिशा में बढ़ेगा, इस पर सबकी निगाहें टिक गई हैं।