भोपाल: मध्य प्रदेश अब आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में सामने आई। बैठक में विभाग की उपलब्धियों के साथ-साथ अगले तीन वर्षों की भविष्य की कार्ययोजना पर भी विस्तृत चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में आयोजित इस समीक्षा बैठक के दौरान डिजिटल पारदर्शिता और नवाचारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि तकनीक के उपयोग से योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाना सुनिश्चित हुआ है। बैठक में बताया गया कि झाबुआ जिले के ‘मोटी आई’ नवाचार को प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार मिला है, जो जमीनी स्तर पर हो रहे सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है।
डिजिटल पहल और राष्ट्रीय स्तर पर मिली सराहना
समीक्षा में बताया गया कि मध्य प्रदेश ने कई क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। टेक होम राशन की फूड रजिस्ट्रेशन सिस्टम (FRS) प्रक्रिया में प्रदेश को पहला स्थान मिला है। इसके अलावा, भवन निर्माण की रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए एक अत्याधुनिक मॉड्यूल विकसित किया गया है। आंगनवाड़ी केंद्रों पर 20 मीटर की जियो-फेंसिंग आधारित उपस्थिति व्यवस्था लागू की गई है, जो डिजिटल पारदर्शिता की एक बड़ी मिसाल है। भारत सरकार ने पीएम-जनमन योजना के तहत बन रहे भवनों के डिज़ाइन और मॉनिटरिंग मॉड्यूल की भी विशेष रूप से सराहना की है।
भविष्य की कार्ययोजना: 2047 विजन पर फोकस
बैठक में अगले तीन वर्षों के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना प्रस्तुत की गई, जिसका उद्देश्य महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में बड़े सुधार करना है।
प्रमुख योजनाएं:
1. सेंट्रल किचन व्यवस्था: साल 2026 से शहरी क्षेत्रों की आंगनवाड़ियों में सेंट्रल किचन के माध्यम से गर्म और पका हुआ भोजन वितरित करने की नई व्यवस्था लागू की जाएगी।
2. आंगनवाड़ी भवन निर्माण: अगले तीन वर्षों में 9,000 नए आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण का एक मेगा प्लान तैयार किया गया है।
3. शाला पूर्व शिक्षा: विजन-2047 के अनुरूप, निपुण भारत आधारित विकास कार्ड के जरिए शाला पूर्व शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए बड़ा निवेश किया जाएगा।
4. लाड़ली लक्ष्मी योजना का विस्तार: योजना के तहत 34 लाख बालिकाओं को छात्रवृत्ति और प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
महिला सशक्तिकरण और कल्याणकारी योजनाएं
प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए चल रही योजनाओं की प्रगति पर भी प्रकाश डाला गया। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के तहत 9.70 लाख गर्भवती महिलाओं को 512 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि दी गई है। वहीं, लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत जनवरी 2024 से नवंबर 2025 के बीच 36,778 करोड़ रुपये की राशि का अंतरण किया जाएगा।
महिला सुरक्षा के मोर्चे पर, महिला हेल्पलाइन के माध्यम से 1.72 लाख महिलाओं को सहायता पहुंचाई गई, जबकि 57 वन स्टॉप सेंटरों ने 52,095 महिलाओं को सुरक्षा और आश्रय प्रदान किया। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत 1.89 लाख पौधे लगाए गए और 8,637 बालिकाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं का प्रशिक्षण दिया गया। प्रदेश के 12,670 आंगनवाड़ी केंद्रों को ‘सक्षम आंगनवाड़ी’ के रूप में उन्नत किया गया है।