लाल या काली गाजर, जानें बीटा-कैरोटीन और एंथोसायनिन से भरपूर इन दोनों में से सेहत के लिए कौन है ज्यादा फायदेमंद

सर्दियों का मौसम आते ही बाजार में पौष्टिक और मौसमी सब्जियों की भरमार हो जाती है, जिनमें गाजर सबसे प्रमुख है। यह न केवल सलाद की शान बढ़ाती है बल्कि इससे बनने वाला हलवा और जूस भी लोगों को खूब पसंद आता है। आमतौर पर हम सभी नारंगी या लाल रंग की गाजर से परिचित हैं, लेकिन इन दिनों बाजार में काली गाजर भी खूब देखने को मिल रही है।

ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि लाल और काली गाजर में से कौन सी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है। दोनों ही गाजर पोषक तत्वों का खजाना हैं, लेकिन उनके पोषक प्रोफाइल और स्वास्थ्य लाभों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि आपके लिए कौन सी गाजर बेहतर है।

लाल गाजर: विटामिन ए का पावरहाउस

लाल गाजर का गहरा रंग इसमें मौजूद बीटा-कैरोटीन नामक एंटीऑक्सीडेंट के कारण होता है। जब हम इसका सेवन करते हैं, तो हमारा शरीर बीटा-कैरोटीन को विटामिन ए में बदल देता है। विटामिन ए आंखों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी माना जाता है।

लाल गाजर के फायदे:

  • आंखों की रोशनी: विटामिन ए रतौंधी जैसी समस्याओं को रोकने और आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  • इम्यूनिटी: यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में सहायक है।
  • त्वचा का स्वास्थ्य: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करते हैं।
  • स्वाद और उपयोग: लाल गाजर स्वाद में मीठी होती है, जिस वजह से इसका इस्तेमाल हलवा, जूस, सूप और सलाद में प्रमुखता से किया जाता है।

काली गाजर: एंटीऑक्सीडेंट का खजाना

काली गाजर का गहरा बैंगनी या काला रंग एंथोसायनिन नामक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट समूह की वजह से होता है। यही एंटीऑक्सीडेंट ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी और जामुन जैसे फलों में भी पाया जाता है। एंथोसायनिन को कई गंभीर बीमारियों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने के लिए जाना जाता है।

काली गाजर के फायदे:

  • एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: इसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • हृदय स्वास्थ्य: अध्ययनों से पता चलता है कि एंथोसायनिन युक्त खाद्य पदार्थ हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकते हैं।
  • कैंसर से बचाव: कुछ शोधों के अनुसार, यह शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट कुछ प्रकार के कैंसर के विकास को रोकने में भी मददगार हो सकता है।
  • स्वाद और उपयोग: काली गाजर का स्वाद लाल गाजर की तुलना में थोड़ा कम मीठा और हल्का मिट्टी जैसा होता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से कांजी नामक पारंपरिक पेय, अचार और सलाद बनाने में किया जाता है।

पोषण और स्वाद में मुख्य अंतर

लाल और काली गाजर के बीच मुख्य अंतर उनके प्रमुख पोषक तत्व और स्वाद का है। अगर आपका लक्ष्य विटामिन ए की पूर्ति करना है, तो लाल गाजर एक बेहतर विकल्प है। वहीं, अगर आप शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी लाभ चाहते हैं, तो काली गाजर को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।

दोनों ही प्रकार की गाजर में कैलोरी कम होती है और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और वजन प्रबंधन में भी मदद करता है।

निष्कर्ष: किसे चुनें?

यह कहना गलत होगा कि कोई एक गाजर दूसरी से बेहतर है। दोनों ही अपने-अपने पोषक तत्वों के कारण स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं। चुनाव पूरी तरह से आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य जरूरतों और स्वाद की पसंद पर निर्भर करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, अपने आहार में विविधता लाना सबसे अच्छा तरीका है। इसलिए, इस सर्दी में दोनों तरह की गाजर को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं ताकि आपको बीटा-कैरोटीन और एंथोसायनिन, दोनों के लाभ मिल सकें।