MP Weather: मध्य प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय, पचमढ़ी 10.4°C पर सबसे ठंडा, कई जिलों में बारिश और ओले का अलर्ट

मध्य प्रदेश में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। उत्तरी भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर बने चक्रवाती परिसंचरण तंत्र के कारण प्रदेश के कई हिस्सों में बादल छाए हुए हैं और बारिश की संभावना बन गई है। मौसम विभाग ने अगले 2-3 दिनों तक मौसम का यही मिजाज बने रहने का अनुमान जताया है।

इस बदलाव का असर रात के तापमान पर भी दिखा है, जिसमें गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार को पचमढ़ी 10.4 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा। हालांकि, दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी देखी गई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अरब सागर से आ रही नमी के कारण यह बदलाव देखने को मिल रहा है।

इन जिलों में बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने प्रदेश के कई हिस्सों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार, भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन, सागर, रीवा, शहडोल, जबलपुर, ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।

इसके अलावा, कुछ जिलों में ओलावृष्टि की भी चेतावनी दी गई है। छिंदवाड़ा, बैतूल, नर्मदापुरम, बुरहानपुर और खरगोन जिलों में ओले गिरने की आशंका है। वहीं, ग्वालियर-चंबल संभाग के साथ-साथ छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में घना कोहरा छाए रहने का पूर्वानुमान है।

पचमढ़ी सबसे सर्द, जानें प्रमुख शहरों का हाल

प्रदेश भर में रात के तापमान में गिरावट आई है, जिससे ठंडक बढ़ी है। सोमवार को दर्ज किए गए प्रमुख शहरों के न्यूनतम तापमान इस प्रकार हैं:

  • पचमढ़ी: 10.4 डिग्री सेल्सियस
  • राजगढ़: 11.6 डिग्री सेल्सियस
  • रायसेन: 12.0 डिग्री सेल्सियस
  • गुना: 12.6 डिग्री सेल्सियस
  • उज्जैन: 13.0 डिग्री सेल्सियस
  • ग्वालियर: 13.6 डिग्री सेल्सियस
  • भोपाल: 14.0 डिग्री सेल्सियस
  • जबलपुर: 15.4 डिग्री सेल्सियस
  • इंदौर: 15.6 डिग्री सेल्सियस

आगे कैसा रहेगा मौसम?

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इन मौसम प्रणालियों का असर अगले दो से तीन दिनों तक बना रहेगा। इस दौरान प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और कहीं-कहीं ओलावृष्टि हो सकती है। सिस्टम के गुजर जाने के बाद आसमान साफ होने की उम्मीद है, जिसके बाद न्यूनतम तापमान में तेजी से गिरावट आ सकती है और कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो सकता है।