MP नर्सिंग कॉलेज एडमिशन, सुप्रीम कोर्ट ने 31 दिसंबर तक बढ़ाई दाखिले की तारीख, हजारों छात्रों को मिली बड़ी राहत

मध्य प्रदेश के हजारों नर्सिंग छात्रों के लिए सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत की खबर आई है। शीर्ष अदालत ने राज्य के नर्सिंग कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए दाखिले की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी है। यह फैसला राज्य सरकार की याचिका पर आया है, जिसमें नर्सिंग कॉलेज घोटाले की सीबीआई जांच के कारण रुकी हुई प्रवेश प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा गया था।

यह निर्णय उन हजारों छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है जिनका भविष्य अधर में लटका हुआ था। पहले दाखिले की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर थी, लेकिन जांच और कॉलेजों की संबद्धता को लेकर अनिश्चितता के कारण प्रवेश प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पाई थी। अब इस फैसले से काउंसलिंग और दाखिले का रास्ता साफ हो गया है।

क्यों पड़ी डेडलाइन बढ़ाने की जरूरत?

मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का खुलासा हुआ था, जिसे ‘नर्सिंग कॉलेज घोटाला’ के नाम से जाना जाता है। कई कॉलेज सिर्फ कागजों पर चल रहे थे, जिनमें न तो उचित इंफ्रास्ट्रक्चर था और न ही फैकल्टी। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।

सीबीआई ने राज्य के सैकड़ों नर्सिंग कॉलेजों का निरीक्षण किया और उनकी स्थिति के आधार पर उन्हें अलग-अलग श्रेणियों में बांटा। इस पूरी प्रक्रिया के चलते शैक्षणिक सत्र 2023-24 की प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह ठप हो गई थी। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

CBI जांच और कॉलेजों का वर्गीकरण

सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट में कॉलेजों को तीन मुख्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया है — ‘उपयुक्त’ (Suitable), ‘कमियों वाले’ (Deficient), और ‘अनुपयुक्त’ (Unsuitable)। अदालत के निर्देशानुसार, केवल ‘उपयुक्त’ पाए गए कॉलेजों में ही छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।

इस वर्गीकरण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और वे फर्जी संस्थानों का शिकार न बनें। सरकार अब सीबीआई द्वारा योग्य ठहराए गए कॉलेजों की सूची के आधार पर ही काउंसलिंग प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।

हजारों छात्रों के भविष्य का था सवाल

दाखिले की प्रक्रिया में हो रही देरी से लगभग 50,000 से अधिक छात्रों का एक साल बर्बाद होने का खतरा था। छात्र और उनके अभिभावक लगातार अनिश्चितता की स्थिति में थे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने उन्हें बड़ी राहत दी है और उनके शैक्षणिक भविष्य को सुरक्षित किया है। अब राज्य सरकार जल्द ही प्रवेश के लिए नया शेड्यूल जारी करेगी ताकि 31 दिसंबर की समय सीमा के भीतर प्रक्रिया पूरी की जा सके।

यह कदम न केवल छात्रों के हित में है, बल्कि यह राज्य की नर्सिंग शिक्षा प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। अब उम्मीद है कि केवल मानक पूरे करने वाले संस्थान ही संचालित हो सकेंगे।