राजधानी भोपाल के बड़े तालाब पर शुरू की गई शिकारा नाव सेवा ने प्रदेश के जल-पर्यटन को एक नई दिशा दे दी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 20 नई शिकारा नौकाओं को हरी झंडी दिखाकर इस महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की। लगभग हजार वर्ष पुराने इस विशाल जलाशय में अब पर्यटकों को कश्मीर की मशहूर डल झील जैसा अनुभव मिल सकेगा। नई शिकारों में आरामदायक सीटिंग, खान-पान की सुविधाएं और आधुनिक डिजाइन पर्यटन को और आकर्षक बनाएंगी।
बड़े तालाब में डल झील जैसा अनुभव
मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल, जिसे झीलों की नगरी भी कहा जाता है, अब जल-पर्यटन के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बनाएगा। शिकारों के माध्यम से पर्यटक न केवल सुकूनभरे पलों का आनंद ले सकेंगे, बल्कि स्थानीय उत्पादों एवं स्वदेशी वस्तुओं की खरीद भी कर पाएंगे। वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे पर्यटन क्षेत्र में और विकास होगा।
शिकारे की सैर और स्थानीय उत्पादों का आकर्षण
शुभारंभ के बाद मुख्यमंत्री ने स्वयं शिकारा नाव में सैर कर उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया। शिकारा बोट रेस्टोरेंट में चाय, पोहा, समोसे और फलों का स्वाद लेते हुए उन्होंने झील की खूबसूरती का आनंद लिया। फ्लोटिंग बोट मार्केट से उन्होंने बाघ और बटिक प्रिंट के वस्त्र, जैविक उत्पाद तथा अन्य स्थानीय कलाओं का अवलोकन और खरीदारी भी की।
कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों के साथ उन्होंने तस्वीरें खिंचवाईं और आंचलिक विज्ञान केंद्र द्वारा लगाई गई टेलीस्कोप व्यवस्था के माध्यम से सूर्य दर्शन भी किए।
पर्यटन विकास से रोजगार के नए अवसर
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राजधानी की इस विशाल झील में शिकारा सेवा शुरू होना बेहद आकर्षक पहल है। इससे प्रदेश में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ेंगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने भी इस आयोजन में शामिल होकर कहा कि भोपाल का देशभर में विशेष स्थान है और बड़े तालाब में चलते शिकारे का दृश्य अविस्मरणीय है। विधायक हेमंत खंडेलवाल और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि यह प्रयास भोपाल को नई पर्यटन पहचान देगा और लोगों को कश्मीर जैसी अनुभूति यहीं मिलेगी।
पर्यावरण के अनुकूल आधुनिक तकनीक का उपयोग
राज्य में पहली बार इतने बड़े स्तर पर शिकारा संचालन किया जा रहा है। सभी 20 नौकाओं का निर्माण पर्यावरण-संवेदी आधुनिक तकनीक से किया गया है। फाइबर रीइन्फोर्स्ड पॉलीयूरिथेन और उच्च गुणवत्ता वाली नॉन-रिएक्टिव सामग्री से बने ये शिकारे पानी में किसी भी प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं करते, जिससे तालाब की पारिस्थितिकी पूरी तरह सुरक्षित रहेगी। इन शिकारों का निर्माण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित संस्थान द्वारा किया गया है, जिनकी नौकाएं केरल, बंगाल और असम में अत्यंत लोकप्रिय हैं।
पर्यटकों के लिए एक ही स्थान पर अनेक अनुभव
भोपाल का बोट क्लब इन नए शिकारों के साथ पूरी तरह तैयार है। यहां आने वाले पर्यटक शिकारा सैर के साथ-साथ बर्ड वॉचिंग, स्थानीय व्यंजन, हैंडीक्राफ्ट उत्पाद, आर्गेनिक सब्जियां और फल खरीदने जैसी गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे।
कार्यक्रम में संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री कृष्णा गौर, वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, भोपाल की महापौर मालती राय, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में पर्यटन प्रेमी उपस्थित रहे।