New Delh: इंडिगो की उड़ानों में भारी देरी और रद्दीकरण से परेशान यात्रियों के लिए राहत की खबर है। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइन क्रू के रोस्टर से जुड़े उस नियम को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है, जिसमें साप्ताहिक आराम के बदले छुट्टी देने पर रोक लगाई गई थी। माना जा रहा है कि इस फैसले से इंडिगो संकट को खत्म करने में मदद मिलेगी।
यह कदम तब उठाया गया जब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इस मामले पर गृह मंत्री अमित शाह को जानकारी दी। इसके बाद ही डीजीसीए ने यह आदेश वापस लिया। कई एयरलाइंस ने भी डीजीसीए से इस नियम पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था, ताकि परिचालन संबंधी दिक्कतों को दूर किया जा सके।
क्यों लिया गया यह फैसला?
डीजीसीए ने अपने बयान में कहा कि कई एयरलाइनों से मिले आवेदनों और मौजूदा परिचालन बाधाओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य उड़ानों के संचालन में निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित करना है। नियामक ने 20 जनवरी 2025 को जारी अपने पत्र के उस प्रावधान की समीक्षा की, जिसमें कहा गया था कि क्रू के साप्ताहिक आराम के बदले किसी भी छुट्टी को प्रतिस्थापित नहीं किया जाएगा। अब इस प्रावधान को सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बाद वापस ले लिया गया है।
क्या है इंडिगो का ‘रोस्टर संकट’?
पिछले कुछ दिनों से इंडिगो को पायलटों और क्रू की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उसकी सैकड़ों उड़ानें प्रभावित हुई हैं। एयरलाइन ने इसके लिए तकनीकी खराबी, खराब मौसम और 1 नवंबर से लागू हुए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) के नए नियमों को जिम्मेदार ठहराया था।
इन नए नियमों के तहत क्रू के काम के घंटे सीमित कर दिए गए थे और आराम का समय बढ़ा दिया गया था, जिससे एयरलाइन को रोस्टर बनाने में मुश्किलें आ रही थी।
हालाकि, फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स का तर्क था कि ये नियम उड़ानों के रद्द होने की एकमात्र वजह नहीं हो सकते, क्योंकि अन्य एयरलाइंस पर इसका इतना व्यापक असर नहीं देखा गया।
क्या थे FDTL के नए नियम?
दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश के बाद DGCA ने 1 नवंबर से फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के नए नियम लागू किए थे। इन नियमों का उद्देश्य पायलटों को पर्याप्त आराम देकर उड़ान सुरक्षा को बढ़ाना था।
आराम का समय: हफ्ते में आराम की अवधि 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दी गई थी।
रात की ड्यूटी: रात की ड्यूटी के समय को बढ़ाया गया और पायलटों के लिए एक हफ्ते में रात के दौरान सिर्फ दो लैंडिंग की अनुमति दी गई। इसका मतलब था कि आधी रात से सुबह 6 बजे के बीच पायलट कितनी बार विमान उतार सकता है, इसकी सीमा तय कर दी गई थी।
पायलटों से सहयोग की अपील
उड़ानों में हो रही दिक्कतों के बीच डीजीसीए ने सभी पायलट एसोसिएशनों से सहयोग करने की अपील की है। नियामक ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में कोहरे और छुट्टियों की भीड़ के कारण स्थिति और खराब हो सकती है।
डीजीसीए ने सुचारू संचालन, कम देरी और कम रद्दीकरण सुनिश्चित करने के लिए पायलटों और एयरलाइनों के बीच बेहतर समन्वय पर जोर दिया है। नियामक ने स्पष्ट किया कि यात्रियों की सुरक्षा और FDTL नियमों का कार्यान्वयन उनकी प्राथमिकता है, लेकिन यात्रियों को होने वाली असुविधा से बचना भी जरूरी है।