इंडिगो संकट के बीच हवाई किराए में उछाल, दिल्ली से मुंबई-बेंगलुरु तक टिकट दरें 1 लाख रुपये पार, यात्रियों में मची अफरा-तफरी

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में परिचालन संबंधी संकट गहरा गया है, जिसका सीधा असर यात्रियों की जेब पर पड़ रहा है। बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने और लंबी देरी के चलते प्रमुख मार्गों पर हवाई किराए आसमान छू रहे हैं। स्थिति यह है कि दिल्ली से मुंबई के लिए आखिरी समय में एक तरफ का किराया एक लाख रुपये के आंकड़े को भी पार कर गया है।

इस अभूतपूर्व मूल्य वृद्धि ने हवाई यात्रा करने वालों को मुश्किल में डाल दिया है, खासकर उन्हें जिन्हें तत्काल यात्रा करने की आवश्यकता है। इंडिगो की समस्याओं का असर पूरे एविएशन सेक्टर पर दिख रहा है, क्योंकि मांग बढ़ने से अन्य एयरलाइंस ने भी अपनी बची हुई सीटों के दाम बढ़ा दिए हैं।

किराए में क्यों आई आग?

रिपोर्ट्स के अनुसार, इंडिगो पिछले कुछ दिनों से परिचालन संबंधी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। 31 मार्च के आसपास बड़ी संख्या में पायलटों के एक साथ छुट्टी पर जाने या बीमार होने की रिपोर्ट करने से यह संकट शुरू हुआ। क्रू सदस्यों की अनुपलब्धता के कारण एयरलाइन को अपनी सैकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।

इस अचानक आई कमी के कारण मांग और आपूर्ति का संतुलन बुरी तरह बिगड़ गया है। इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से यात्री दूसरी एयरलाइंस की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे बची हुई सीटों की मांग बढ़ गई और कीमतों में भारी उछाल आया। एक ट्रैवल पोर्टल पर विस्तारा की दिल्ली-मुंबई उड़ान का एकतरफा किराया 1,03,094 रुपये तक दिखाया गया।

यात्रियों की बढ़ी मुसीबतें

एयरलाइन के इस संकट का खामियाजा आम यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। कई यात्री हवाई अड्डों पर घंटों फंसे रहे, जबकि कई लोगों को अपनी यात्रा योजनाएं रद्द करनी पड़ीं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर यात्रियों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। लोगों ने बिना किसी पूर्व सूचना के उड़ानें रद्द होने और बढ़े हुए किराए को लेकर एयरलाइन की आलोचना की है।

एक यात्री ने लिखा कि उनकी उड़ान बिना किसी सूचना के रद्द कर दी गई, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई अन्य लोगों ने भी इसी तरह के अनुभव साझा किए हैं, जिससे एयरलाइन की सेवा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

इंडिगो और DGCA का क्या कहना है?

मामले की गंभीरता को देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने हस्तक्षेप किया है। नियामक ने इंडिगो से उड़ानें रद्द होने और देरी पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। DGCA यह सुनिश्चित करना चाहता है कि एयरलाइन नियमों का पालन करे और यात्रियों को हो रही असुविधा को कम करने के लिए कदम उठाए।

वहीं, इंडिगो ने परिचालन संबंधी कारणों का हवाला देते हुए व्यवधान को स्वीकार किया है। एयरलाइन ने एक बयान में कहा, “हम प्रभावित यात्रियों को वैकल्पिक उड़ान या पूर्ण वापसी की पेशकश कर रहे हैं। हम यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हैं।” हालांकि, पायलटों की अनुपलब्धता के पीछे के कारणों पर कंपनी ने चुप्पी साध रखी है, जिसे नए उड़ान ड्यूटी समय सीमा (FDTL) नियमों और वेतन से जोड़कर देखा जा रहा है।