देश के मौसम में एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जानकारी दी है कि एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है, जिसका असर उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक दिखाई देगा। इसके चलते पहाड़ी राज्यों में भारी बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश की संभावना है, वहीं दक्षिण भारत के कई हिस्सों में भी अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
पहाड़ों पर भारी बर्फबारी और बारिश
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ का सबसे ज्यादा असर पहाड़ी क्षेत्रों पर पड़ेगा। 16 से 18 दिसंबर के बीच जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी के साथ बारिश होने की संभावना है। इसे देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पर्यटकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
दिल्ली-NCR समेत मैदानी इलाकों का हाल
पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों पर भी पड़ेगा। IMD के अनुसार, 16 से 18 दिसंबर के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी हल्की बारिश के आसार हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बारिश पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर से आ रही नम हवाओं के मेल के कारण होगी। बारिश के बाद इन इलाकों में ठंड और बढ़ेगी।
दक्षिण भारत के लिए भी चेतावनी
उत्तर भारत के साथ-साथ दक्षिण के राज्यों के लिए भी मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है। अगले पांच दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल, माहे और लक्षद्वीप में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की आशंका है। IMD के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। इसके अलावा, एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर सक्रिय है, जो इस बारिश का कारण बन रहा है।
बारिश के बाद शीतलहर की दस्तक
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि पश्चिमी विक्षोभ के गुजर जाने के बाद उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में तापमान में तेजी से गिरावट आएगी। तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की कमी दर्ज की जा सकती है, जिससे ठंड का प्रकोप बढ़ेगा। इसके बाद कई इलाकों में शीतलहर जैसी स्थिति भी बन सकती है। लोगों को ठंड से बचने के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है।