Ujjain : नए साल के अवसर पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने की योजना बना रहे श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रबंधन समिति ने नई गाइडलाइन जारी की है।
भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक भस्म आरती के लिए ऑनलाइन अनुमति प्रक्रिया को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इस अवधि में श्रद्धालुओं को केवल ऑफलाइन माध्यम से ही एक दिन पहले परमिशन लेनी होगी।
मंदिर समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक के अनुसार, 31 दिसंबर से 2 जनवरी के बीच लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं के उज्जैन पहुंचने का अनुमान है। इसी के मद्देनजर दर्शन व्यवस्था को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है।
ऑफलाइन और चलित भस्म आरती की व्यवस्था
ऑनलाइन बुकिंग बंद होने के दौरान श्रद्धालु मंदिर के काउंटर से एक दिन पहले ऑफलाइन फॉर्म भरकर भस्म आरती की अनुमति ले सकेंगे। यह अनुमति उपलब्ध स्लॉट के आधार पर दी जाएगी।
इसके अलावा, जो भक्त किसी कारणवश परमिशन नहीं ले पाते, उनके लिए ‘चलित भस्म आरती’ दर्शन की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के तहत भक्त कतार में लगकर चलते हुए दूर से भस्म आरती के दर्शन कर सकेंगे, जिससे भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
मंदिर में प्रवेश और निकास का नया रूट
भीड़ प्रबंधन के लिए मंदिर में प्रवेश और निकास के रास्ते में भी बदलाव किया गया है। नई व्यवस्था के तहत, श्रद्धालुओं को त्रिवेणी संग्रहालय से प्रवेश दिया जाएगा।
वहां से वे महाकाल लोक होते हुए मानसरोवर और फिर टनल के रास्ते गणेश मंडपम पहुंचेंगे, जहां से वे बाबा महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। दर्शन के बाद श्रद्धालु एग्जिट टनल से होते हुए बड़े गणेश मंदिर के सामने से बाहर निकलेंगे।
श्रद्धालुओं के लिए बढ़ाई गईं सुविधाएं
लाखों भक्तों के आगमन को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने अन्य तैयारियां भी तेज कर दी हैं। प्रशासक ने बताया कि लड्डू प्रसादी का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है।
सामान्य दिनों में जहां 30 से 40 क्विंटल लड्डू प्रसाद बनता है, वहीं नए साल के दौरान इसे 50 क्विंटल से अधिक किया जाएगा। इसके साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जूता स्टैंड, पानी और शौचालय की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं।