इंदौर में BJP का बड़ा दावा, विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट से 5 लाख नाम गायब, कांग्रेस पर साजिश का आरोप

इंदौर: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, राज्य की आर्थिक राजधानी इंदौर में मतदाता सूची को लेकर एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक सनसनीखेज दावा करते हुए कहा है कि जिले की मतदाता सूची से करीब 5 लाख मतदाताओं के नाम गायब कर दिए गए हैं। बीजेपी ने इसे कांग्रेस और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से रची गई एक बड़ी साजिश करार दिया है।

पार्टी ने इस मामले में चुनाव आयोग से शिकायत करने और जरूरत पड़ने पर हाईकोर्ट जाने की चेतावनी दी है। वहीं, कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे बीजेपी की ‘संभावित हार का बहाना’ बताया है।

बीजेपी का आरोप: हर सीट पर 40 से 70 हजार वोटर कम

इंदौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बीजेपी विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक निमेश पाठक ने ये गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इंदौर जिले की 9 विधानसभा सीटों में से हर सीट पर 40,000 से 70,000 मतदाताओं के नाम गलत तरीके से काट दिए गए हैं। इस हिसाब से जिले भर में लगभग 5 लाख मतदाता प्रभावित हुए हैं।

पाठक ने सबूत के तौर पर कुछ बूथों का उदाहरण भी दिया। उन्होंने बताया कि राऊ विधानसभा के बूथ क्रमांक 162 से 450 मतदाताओं के नाम गायब हैं, जबकि महू के बूथ क्रमांक 129 से 150 नाम हटा दिए गए हैं। बीजेपी नेता ने सीधे तौर पर कलेक्टर इलैयाराजा टी समेत अन्य अधिकारियों पर कांग्रेस के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है।

चुनाव आयोग और हाईकोर्ट जाने की तैयारी

बीजेपी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। निमेश पाठक ने कहा कि पार्टी का विधि प्रकोष्ठ जल्द ही इस संबंध में चुनाव आयोग को एक विस्तृत शिकायत सौंपेगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर आयोग से संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई तो पार्टी इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट भी जा सकती है।

इसके अलावा, बीजेपी ने प्रशासन से घर-घर जाकर सर्वे कराने और मतदाता सूची को फिर से सत्यापित करने की मांग की है। पार्टी ने कहा कि वह अपने स्तर पर भी पन्ना प्रमुखों के माध्यम से एक सर्वे कराएगी ताकि हटाए गए नामों की सटीक जानकारी जुटाई जा सके।

कांग्रेस का पलटवार: ‘हार के डर से बना रही बहाना’

बीजेपी के इन आरोपों पर कांग्रेस ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने इन सभी दावों को निराधार और बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी संभावित हार को देखते हुए पहले से ही बहाने गढ़ रही है।

शुक्ला ने कहा, “बीजेपी डरी हुई है, इसलिए इस तरह के मनगढ़ंत आरोप लगा रही है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया चुनाव आयोग के नियमों के तहत होती है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। यह एक पारदर्शी प्रक्रिया है और इसमें किसी भी तरह की साजिश का आरोप लगाना हास्यास्पद है।

इस पूरे मामले ने चुनाव से पहले इंदौर की राजनीति में गर्माहट ला दी है। जहां एक ओर बीजेपी इसे एक बड़ी साजिश बताकर प्रशासन और कांग्रेस को घेर रही है, वहीं कांग्रेस इसे बीजेपी की बौखलाहट करार दे रही है। अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग इस शिकायत पर क्या रुख अपनाता है।