धार्मिक नगरी उज्जैन में दिसंबर के पहले रविवार को बाबा महाकाल के दरबार में आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। भगवान महाकालेश्वर के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। मंदिर प्रबंधन समिति के अनुसार, रविवार को एक लाख से अधिक भक्तों ने भगवान के दर्शन लाभ लिए। सुबह भस्म आरती से शुरू हुआ यह सिलसिला देर रात शयन आरती तक अनवरत जारी रहा।
छुट्टी का दिन होने के कारण न केवल स्थानीय, बल्कि देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने मंदिर में हाजिरी लगाई। अलसुबह होने वाली भस्म आरती में भी बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। इसके बाद सामान्य दर्शन का क्रम शुरू हुआ, जो लगातार चलता रहा। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रशासन और पुलिस बल ने व्यापक इंतजाम किए थे ताकि किसी को असुविधा न हो।
भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था
रविवार को भीड़ बढ़ने की संभावना को देखते हुए मंदिर समिति ने पहले से ही तैयारियां कर रखी थीं। बैरिकेडिंग के माध्यम से कतारबद्ध दर्शन की व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालुओं को मान सरोवर भवन और फैसिलिटी सेंटर के रास्ते नंदी हॉल और गणेश मंडपम तक पहुंचाया गया। सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरों के जरिए हर गतिविधि पर नजर रखी गई।
भस्म आरती में विशेष आकर्षण
महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती का विशेष महत्व है। रविवार तड़के 4 बजे मंदिर के पट खुलते ही पूरा परिसर जयकारों से गूंज उठा। पुजारियों ने भगवान महाकाल का जलाभिषेक और पंचामृत अभिषेक किया। इसके बाद भांग, चंदन और सूखे मेवों से बाबा का दिव्य श्रृंगार किया गया। भस्म रमाने के बाद आरती हुई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
आगामी दिनों में भी रहेगी भीड़
दिसंबर माह की शुरुआत और विवाह मुहूर्त होने के कारण उज्जैन में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि आने वाले दिनों, विशेषकर क्रिसमस और नववर्ष के आसपास यह भीड़ और अधिक बढ़ सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन अभी से अतिरिक्त व्यवस्थाओं पर काम कर रहा है।
गौरतलब है कि महाकाल लोक के निर्माण के बाद से उज्जैन में धार्मिक पर्यटन में भारी उछाल आया है। हर दिन हजारों की संख्या में लोग महाकाल लोक की भव्यता देखने पहुंच रहे हैं, जिससे रविवार और त्योहारों पर भीड़ का दबाव काफी बढ़ जाता है।