मध्य प्रदेश के विकास को नई दिशा देने और प्रशासनिक कामकाज में कसावट लाने के उद्देश्य से विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी खजुराहो में राज्य सरकार का महामंथन शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में आयोजित इस उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश के विकास का नया रोडमैप तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के कार्यों की गहन समीक्षा की और भविष्य की योजनाओं पर अधिकारियों से चर्चा की।
खजुराहो में जुटी पूरी सरकार का मुख्य फोकस प्रदेश में चल रही योजनाओं के क्रियान्वयन और जनता तक उनका लाभ पहुंचाने की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। इस बैठक में न केवल मौजूदा स्थिति का आकलन किया जा रहा है, बल्कि आगामी वर्षों के लिए प्राथमिकताएं भी तय की जा रही हैं। प्रशासनिक हलकों में इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें लिए गए निर्णय आने वाले समय में राज्य की नीतियों को प्रभावित करेंगे।
विभागों के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड
बैठक के दौरान अलग-अलग विभागों के प्रेजेंटेशन के माध्यम से उनकी उपलब्धियों और चुनौतियों पर बात की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विकास कार्यों में गुणवत्ता और समय सीमा का विशेष ध्यान रखा जाए। विशेष रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार से जुड़े मुद्दों पर सरकार का विशेष जोर है। मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया कि विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सके।
पर्यटन नगरी से विकास का संदेश
खजुराहो को इस महत्वपूर्ण बैठक के लिए चुना जाना भी अपने आप में एक संदेश है। यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से न केवल मध्य प्रदेश बल्कि देश और दुनिया में एक विशेष स्थान रखता है। सरकार का प्रयास है कि बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास को भी गति मिले। इस तरह के आयोजनों से स्थानीय स्तर पर भी प्रशासनिक मशीनरी सक्रिय होती है और क्षेत्र की समस्याओं पर सरकार का सीधा ध्यान जाता है।
भविष्य की रणनीतियों पर मंथन
सूत्रों के अनुसार, इस चिंतन बैठक में लोकसभा चुनाव के बाद की रणनीतियों और राज्य सरकार के विजन डॉक्यूमेंट पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि ‘आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश’ की संकल्पना को धरातल पर उतारा जाए। इसके लिए कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र में नए अवसरों को तलाशने पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से नवाचार अपनाने और जनहितैषी योजनाओं को प्राथमिकता देने को कहा है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी मध्य प्रदेश सरकार पचमढ़ी और अन्य स्थानों पर इस तरह की चिंतन बैठकों का आयोजन करती रही है। इन बैठकों का उद्देश्य अनौपचारिक माहौल में गंभीर विषयों पर चर्चा करना और टीम भावना के साथ प्रदेश के विकास के लिए काम करना होता है। खजुराहो की इस बैठक से निकले निष्कर्षों का असर जल्द ही प्रशासनिक निर्णयों में देखने को मिल सकता है।