मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक युवक की ‘घर वापसी’ का मामला सामने आया है। जहांगीराबाद इलाके के रहने वाले शुभम गोस्वामी, जो धर्म परिवर्तन कर अमन खान बन गए थे, ने सोमवार को पुनः सनातन धर्म अपना लिया।
गुफा मंदिर में आयोजित एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनकी हिंदू धर्म में वापसी कराई गई। इस अवसर पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग विशेष रूप से मौजूद रहे।
शुभम ने आरोप लगाया था कि एक मुस्लिम युवती के प्रेम जाल में फंसकर और दबाव में आकर उन्होंने इस्लाम कबूल किया था, लेकिन अब वे स्वेच्छा से अपने मूल धर्म में लौट आए हैं।
गुफा मंदिर में हुआ शुद्धिकरण संस्कार
शुभम की घर वापसी के लिए गुफा मंदिर में विस्तृत धार्मिक प्रक्रिया अपनाई गई। यहां हवन, उपनयन संस्कार, गुरुदीक्षा, मुंडन और गोपूजन जैसे अनुष्ठान संपन्न हुए। गंगाजल से शुद्धिकरण की विधि पूरी की गई। रामप्रवेश दास देवाचार्य महाराज ने इस प्रक्रिया का नेतृत्व किया।

“अगर कोई व्यक्ति किसी कारणवश सनातन धर्म से दूर चला जाए तो पुनः लौटने की सामान्य प्रक्रिया है। मुंडन, कंठी-तुलसी धारण, तिलक, गोपूजन, हवन आदि संस्कार किए जाते हैं।” — रामप्रवेश दास देवाचार्य महाराज
मंत्री विश्वास सारंग के जनदर्शन में बताई थी पीड़ा
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब शुभम 29 नवंबर को मंत्री विश्वास सारंग के जनदर्शन कार्यक्रम में मदद की गुहार लेकर पहुंचे थे। मंत्री सारंग के अनुसार, युवक ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि उसे प्रेम जाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया था।
मंत्री ने बताया कि युवक ने उन पर गोमांस खिलाने और जमात में भेजने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए थे। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की, जिसके तहत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
शुभम गोस्वामी से अमन खान बनने की कहानी
शुभम के मुताबिक, साल 2022 के अंत में उनकी पहचान एक मुस्लिम युवती से हुई थी। शुरुआत में सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन धीरे-धीरे युवती के परिवार ने उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाना शुरू कर दिया। शुभम ने बताया कि उन पर झूठे केस दर्ज कराए गए और उन्हें जेल भी जाना पड़ा।
शुभम का कहना है कि उन्हें धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने हिंदू धर्म नहीं छोड़ा, तो उनके परिवार को नुकसान पहुंचाया जाएगा। डर और दबाव के चलते वे लगभग तीन साल तक अपने परिवार से दूर रहे और मुस्लिम मोहल्ले में रहने को मजबूर हुए।
पहचान खोने का था सबसे बड़ा दर्द
युवक ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि सबसे बड़ा दुख अपनी पहचान खोने का था। धर्म बदलने के बाद उन्हें ‘अमन खान’ नाम अपनाने के लिए विवश किया गया। मजबूरी में उन्हें हर जगह यही नाम बताना पड़ता था।
शुभम ने बताया कि वे चार महीने तक पूरी तरह इस्लामिक रीति-रिवाजों के अनुसार रहे। उन्होंने कहा, ‘मैं नॉन-वेज खाता था, नमाज पढ़ता था और मस्जिदों में रहता था।’
हालाकि, जब हालात बर्दाश्त से बाहर हो गए और उन्हें लगा कि उनके साथ धोखा हुआ है, तो उन्होंने प्रशासन से मदद मांगी। अब कानूनी कार्रवाई और शुद्धिकरण के बाद वे अपने पुराने जीवन में लौट आए हैं।