खातीपुरा में बड़ी कार्रवाई, गंदगी के बीच गजक बनती पकड़ी गई, तत्काल फैक्ट्री बंद

खातीपुरा क्षेत्र में जिला प्रशासन और खाद्य एवं औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक गजक निर्माण इकाई को तत्काल प्रभाव से बंद करवा दिया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा मिलावट पर सख्त कदम उठाने के निर्देशों के बाद, कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देशन में शहरभर में लगातार निरीक्षण और छापेमारी की जा रही है। इसी क्रम में खातीपुरा स्थित सुमित गजक और कुल्फी के कारखाने पर औचक निरीक्षण किया गया।

अस्वच्छ माहौल और बिना लाइसेंस पर चल रहा था गजक निर्माण

जांच टीम को फैक्ट्री के अंदर तिल और मूंगफली की गजक बेहद गंदगी और अस्वच्छ परिस्थितियों में बनती मिली। संचालक सुमित शिवहरे न तो खाद्य निर्माण का लाइसेंस प्राप्त किए हुए थे और न ही स्वच्छता मानकों का पालन कर रहे थे। टीम ने मौके से गुड़, तिल, तिल गजक और मूंगफली दाना पट्टी के नमूने जांच के लिए एकत्र किए।
गंदगी, नियमों के उल्लंघन और लाइसेंस न होने पर टीम ने निर्माण तथा बिक्री गतिविधियों को तुरंत बंद करवा दिया और फैक्ट्री को पूरी तरह सील कर दिया।

अन्य प्रतिष्ठानों पर भी कड़ी निगरानी

इसी कार्रवाई के दौरान खातीपुरा क्षेत्र में एक अन्य खाद्य प्रतिष्ठान गणभोग फूड्स का निरीक्षण किया गया, जहां से राजगीरा लड्डू और तिल लड्डू के नमूने जांच हेतु लिए गए।

इसके अलावा, फिनिक्स सिटाडेल मॉल स्थित मोती महल डीलक्स रेस्टोरेंट में भी निरीक्षण किया गया, जहां टीम ने पनीर, चावल और मैदा के नमूने एकत्र किए।

मिलावट पर सख्ती: सभी नमूने भेजे गए लैब

कलेक्टर शिवम वर्मा ने स्पष्ट किया कि इंदौर में नागरिकों को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी प्रतिष्ठानों से लिए गए नमूनों को विस्तृत जांच के लिए भोपाल स्थित राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया है। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आगे की सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन की मिलावट के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति

इस पूरी कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि जिला प्रशासन मिलावट, गंदगी और लाइसेंस रहित खाद्य निर्माण को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं करेगा। शहर में खाद्य गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण आगे भी लगातार जारी रहेंगे।