इंदौर: NSICON 2025 में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय शामिल, वरिष्ठ डॉक्टरों को मिला लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में चल रहे 73वें एनुअल कॉन्फ्रेंस ‘एनएसआईकॉन 2025’ (NSICON 2025) का दूसरा दिन चिकित्सा जगत के लिए बेहद खास रहा। इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में देश-विदेश से आए 1600 से अधिक डेलीगेट्स ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और विशिष्ट अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय उपस्थित रहे।

इस अवसर पर अतिथियों ने एनएसआईकॉन के नए लोगो का अनावरण किया। यह नया प्रतीक न्यूरोसाइंस के क्षेत्र में आधुनिक सोच, नवाचार और मानवीय संवेदनाओं को दर्शाता है। सम्मेलन का मुख्य आकर्षण वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञों का सम्मान समारोह रहा।
वरिष्ठ प्रोफेसरों का सम्मान
न्यूरोसाइंस के क्षेत्र में दशकों तक अपनी सेवाएं देने और महत्वपूर्ण योगदान के लिए पांच वरिष्ठ विशेषज्ञों को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ से नवाजा गया। सम्मानित होने वाले दिग्गजों में प्रो. सुरेश्वर मोहंती, प्रो. वी. के. खोसला, प्रो. के. राजेशेखरण नायर, प्रो. रवि भाटिया और प्रो. ए. के. सिंह शामिल हैं। इन विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और शोध से चिकित्सा विज्ञान को नई दिशा दी है।
चिकित्सा नवाचार पर जोर
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने अपने संबोधन में वैज्ञानिक सम्मेलनों की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन केवल ज्ञान साझा करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये चिकित्सा सेवाओं में उत्कृष्टता लाने का माध्यम भी हैं।

“एनएसआईकॉन जैसे वैज्ञानिक सम्मेलन केवल ज्ञान साझा करने का मंच नहीं होते, बल्कि चिकित्सा सेवाओं में उत्कृष्टता और नवाचार को आगे बढ़ाने का मार्ग भी बनाते हैं। जब देश–विदेश के विशेषज्ञ एक साथ आते हैं, तो शोध, तकनीक और अनुभवों का जो आदान–प्रदान होता है, उसका सीधा लाभ समाज और मरीजों को मिलता है।” — मंगुभाई पटेल, राज्यपाल, मध्य प्रदेश

वहीं, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने डॉक्टरों की सेवा भावना की सराहना की। उन्होंने कहा कि डॉक्टर समाज के लिए भगवान का दूसरा रूप होते हैं।

“भगवान के बाद अगर लोग सबसे ज़्यादा भरोसा किसी पर करते हैं, तो वे हमारे डॉक्टर होते हैं। हमारे डॉक्टर 24×7 सेवा देने के लिए तैयार रहते हैं; उनके लिए यह व्यवसाय नहीं, बल्कि समर्पण और सेवा का धर्म है। इंदौर में इतना बड़ा और प्रतिष्ठित न्यूरोसर्जरी सम्मेलन आयोजित होना गर्व का विषय है।” — कैलाश विजयवर्गीय, कैबिनेट मंत्री

तकनीकी सत्र और भविष्य की दिशा
उद्घाटन सत्र के बाद एक दिवसीय सीएमई (CME) का आयोजन किया गया। इसमें देशभर के सैकड़ों वरिष्ठ न्यूरोसर्जन्स और न्यूरोलॉजिस्ट्स ने भाग लिया। चर्चा का मुख्य केंद्र मस्तिष्क से जुड़े गंभीर रोग जैसे ब्रेन इंजरी, स्ट्रोक, ट्यूमर, अल्ज़ाइमर और बच्चों की न्यूरोलॉजिकल समस्याएं रहीं।
विशेषज्ञों ने रोबोटिक्स, एआर/वीआर आधारित सर्जिकल सिमुलेशन, न्यूरो-नेविगेशन और एंडोस्कोपी जैसी आधुनिक तकनीकों पर विस्तार से बात की। दोपहर के सत्रों में जटिल स्ट्रोक के इलाज और ब्रेन सर्जरी के दौरान इस्तेमाल होने वाली नवीनतम इमेजिंग तकनीकों पर फोकस किया गया।
आयोजन समिति का दृष्टिकोण
कॉन्फ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. वसंत डाकवाले ने अतिथियों का स्वागत करते हुए इसे एक ऐतिहासिक सम्मेलन बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न्यूरोसाइंस में सहयोग और नवाचार को एक मंच पर लाने का अवसर है। वहीं, ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. जे. एस. कठपाल ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य केवल वैज्ञानिक जानकारी साझा करना नहीं, बल्कि उसे क्लीनिकल अभ्यास में उतारना है।

एनएसआईकॉन 2025 के तीसरे दिन का एजेंडा भी तय कर लिया गया है। इसमें न्यूरोवैस्कुलर सर्जरी और भविष्य की तकनीकों पर चर्चा होगी। सबअरैक्नॉइड हेमरेज और क्लिप–कॉइल तकनीक जैसे विषयों पर देश-विदेश के विशेषज्ञ अपने शोध प्रस्तुत करेंगे।