इंदौर में बढ़ती ट्रैफिक समस्या को कम करने के लिए प्रशासन लगातार नए प्रयोग कर रहा है। इसी कड़ी में अब शहर में ई-रिक्शा संचालन के लिए कलर मॉडल लागू करने की योजना बनाई गई है। प्रशासन को उम्मीद है कि इस नई व्यवस्था से सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा और यातायात ज्यादा व्यवस्थित हो सकेगा।
क्या है ई-रिक्शा कलर मॉडल?
कलर मॉडल का मतलब है कि शहर में चलने वाले सभी ई-रिक्शा को रंगों के आधार पर अलग-अलग सेक्टरों से जोड़ा जाएगा। हर ई-रिक्शा को एक तय रंग या नंबर दिया जाएगा, जिससे यह साफ हो जाएगा कि वह किस इलाके या सेक्टर में चल सकता है। कोई भी ई-रिक्शा अपने निर्धारित क्षेत्र से बाहर नहीं जा सकेगा।
शहर को सेक्टरों में बांटेगी ट्रैफिक पुलिस
ट्रैफिक प्रभारी डीसीपी आनंद कलादगी के अनुसार, इंदौर शहर को जल्द ही 6 अलग-अलग सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर इन सेक्टरों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है।
हर सेक्टर के लिए एक अलग कलर कोड या नंबर तय किया जाएगा, जिससे ई-रिक्शा के रूट और संचालन क्षेत्र की पहचान आसानी से हो सकेगी।
तय रूट पर ही चल सकेंगे ई-रिक्शा
नई व्यवस्था के तहत ई-रिक्शा चालकों को केवल निर्धारित रूट पर ही वाहन चलाने की अनुमति होगी। इससे शहर के व्यस्त इलाकों में अनावश्यक भीड़ और जाम की स्थिति को रोका जा सकेगा। साथ ही, अलग-अलग रंगों के कारण ट्रैफिक पुलिस के लिए निगरानी करना भी आसान हो जाएगा।
ई-रिक्शा पर लिखी होगी रूट की पूरी जानकारी
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि हर ई-रिक्शा पर उसके रूट और सेक्टर की जानकारी लिखी जाएगी। इससे यात्रियों को भी पता रहेगा कि वे किस सेक्टर के ई-रिक्शा में सफर कर रहे हैं और वह किस इलाके में सेवा देता है।
यात्रियों और चालकों दोनों को मिलेगा फायदा
इस नई व्यवस्था से जहां यात्रियों को सवारी की जानकारी और भरोसा मिलेगा, वहीं ई-रिक्शा चालकों को भी यह स्पष्ट रहेगा कि उन्हें किस क्षेत्र में वाहन चलाना है और कहां नहीं। प्रशासन का मानना है कि इससे नियमों का पालन बेहतर होगा और ट्रैफिक व्यवस्था ज्यादा सुचारू बनेगी।