MP के टाइगर रिजर्व में मोबाइल पर सख्ती, सेल्फी और फोटो लेना पूरी तरह बंद

अगर आप नए साल का जश्न मध्य प्रदेश के किसी टाइगर रिजर्व में मनाने की सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है। राज्य के सभी टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में पर्यटकों के मोबाइल फोन उपयोग और सेल्फी लेने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। अब जंगल सफारी के दौरान मोबाइल से फोटो या वीडियो बनाना संभव नहीं होगा।

16 दिसंबर से लागू हुई नई व्यवस्था

मध्य प्रदेश सरकार ने यह नियम 16 दिसंबर से सतपुड़ा, पेंच, बांधवगढ़, कान्हा सहित प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में लागू कर दिया है। नए निर्देशों के तहत सफारी के दौरान पर्यटक अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे, चाहे वह कॉल करना हो या फोटो और वीडियो रिकॉर्ड करना।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया फैसला

यह निर्णय 17 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद लिया गया है। टी.एन. गोदावर्मन बनाम भारत संघ मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में मोबाइल फोन के उपयोग पर रोक लगाने के स्पष्ट निर्देश दिए थे। अदालत का मानना है कि मोबाइल से फोटो और वीडियो लेने से वन्यजीवों के प्राकृतिक व्यवहार पर असर पड़ता है।

वन्यजीवों के संरक्षण को प्राथमिकता

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग, शोर और लगातार रिकॉर्डिंग जानवरों के स्वाभाविक विचरण में बाधा बनता है। इससे न केवल उनके तनाव का स्तर बढ़ता है, बल्कि संरक्षण प्रयासों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसी कारण कोर एरिया को पूरी तरह शांत और सुरक्षित रखने का फैसला किया गया है।

कोर एरिया में मोबाइल ले जाना भी प्रतिबंधित

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के पालन में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) शभरंजन सेन ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किए हैं। आदेश में सभी टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टरों को स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोर एरिया में मोबाइल फोन का उपयोग ही नहीं, बल्कि ले जाना भी प्रतिबंधित किया जाए और नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए।

नाइट सफारी पर भी लगा स्थायी प्रतिबंध

सिर्फ मोबाइल पर ही नहीं, बल्कि टाइगर रिजर्व के बफर जोन में चलने वाली नाइट सफारी पर भी रोक लगा दी गई है।
1 दिसंबर 2025 से पूरे मध्य प्रदेश में रात्रिकालीन सफारी पूरी तरह बंद कर दी गई है। अब पर्यटकों को केवल डे सफारी और इवनिंग सफारी की अनुमति दी जा रही है।

इन टाइगर रिजर्व में लागू हुआ आदेश

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा समेत राज्य के सभी टाइगर रिजर्व में यह नियम लागू कर दिया गया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक, भोपाल द्वारा जारी निर्देशों के बाद वन विभाग ने नाइट सफारी के संचालन को स्थायी रूप से बंद कर दिया है।

नियम तोड़ने पर हो सकती है कार्रवाई

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन सभी फैसलों का मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों को शांत, सुरक्षित और प्राकृतिक माहौल उपलब्ध कराना है। नए साल पर टाइगर रिजर्व घूमने जाने वाले पर्यटकों को इन नियमों का सख्ती से पालन करना होगा, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।