मोबाइल यूजर्स पर बढ़ेगा बोझ, जियो–एयरटेल बढ़ा सकती हैं 4G-5G प्लान की कीमतें

अगले साल मोबाइल और इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों को बड़ा झटका लग सकता है। दिग्गज ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियां 2026 में 4G और 5G प्लान के टैरिफ में 16 से 20 फीसदी तक बढ़ोतरी कर सकती हैं। यह बढ़ोतरी अप्रैल से जून 2026 के बीच होने की संभावना जताई गई है।

पहले अनुमान से ज्यादा तेज रफ्तार से बढ़ेंगी कीमतें

मॉर्गन स्टेनली ने इससे पहले 2026 के मध्य तक करीब 15 फीसदी टैरिफ बढ़ोतरी का अनुमान लगाया था, लेकिन अब नई रिपोर्ट में यह आंकड़ा बढ़ाकर 16–20 फीसदी कर दिया गया है। इसका मतलब है कि मोबाइल यूजर्स पर पहले की उम्मीद से ज्यादा बोझ पड़ सकता है।

8 साल में चौथी बार बढ़ेंगे मोबाइल टैरिफ

15 दिसंबर को जारी रिपोर्ट में विश्लेषकों ने बताया कि यह पिछले आठ सालों में चौथी बड़ी टैरिफ बढ़ोतरी होगी।

  • 2019 में करीब 30 फीसदी
  • 2021 में 20 फीसदी
  • 2024 में 15 फीसदी
  • और अब 2026 में 16–20 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान है

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सस्ते प्लान बंद करना और स्ट्रीमिंग सर्विसेज को केवल प्रीमियम प्लान से जोड़ना इस बात का संकेत है कि कंपनियां ग्राहकों को महंगे प्लान के लिए तैयार कर रही हैं।

रेवेन्यू की रेस में एयरटेल सबसे आगे

  • मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, एयरटेल लगातार इंडस्ट्री में अपनी रेवेन्यू हिस्सेदारी बढ़ा रही है।
  • 2024 की शुरुआत में एयरटेल की हिस्सेदारी 36 फीसदी थी
  • जो 2028 तक 40 फीसदी से ज्यादा हो सकती है
  • वहीं वोडाफोन आइडिया (VI) की रेवेन्यू हिस्सेदारी 24 फीसदी से घटकर 18 फीसदी तक आने का अनुमान है।

ग्राहकों की हिस्सेदारी में भी बदलाव

  • ग्राहक संख्या के मामले में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
  • वोडाफोन आइडिया की ग्राहक हिस्सेदारी 29 फीसदी से घटकर 22.5 फीसदी (2028 तक)
  • एयरटेल की हिस्सेदारी लगभग 32 फीसदी पर स्थिर रहने की संभावना
  • इससे साफ है कि मजबूत कंपनियां और मजबूत होती जा रही हैं, जबकि कमजोर कंपनियां पीछे छूट रही हैं।

ARPU में जबरदस्त उछाल की उम्मीद

एयरटेल के लिए भारत में प्रति यूजर औसत रेवेन्यू (ARPU) में लगातार बढ़ोतरी का अनुमान है।

  • वित्त वर्ष 2026: 260 रुपये
  • वित्त वर्ष 2027: 299 रुपये
  • वित्त वर्ष 2028: 320 रुपये

विश्लेषकों का मानना है कि बेहतर डेटा प्राइसिंग, पोस्टपेड यूजर्स की बढ़ती संख्या और रोमिंग पैकेज के चलते 2032 तक ARPU 370–390 रुपये तक पहुंच सकता है।

5G नेटवर्क पूरा, कंपनियों पर खर्च का दबाव कम

रिपोर्ट में कहा गया है कि एयरटेल और जियो के लिए यह समय अनुकूल है, क्योंकि 5G नेटवर्क लगभग पूरी तरह तैयार हो चुके हैं।
जहां पहले कैपेक्स (पूंजीगत खर्च) रेवेन्यू का करीब 30 फीसदी था, वह अब 20 फीसदी से नीचे आ रहा है।
अनुमान है कि अकेले एयरटेल का भारत कारोबार 2026–27 में करीब 8 अरब डॉलर का फ्री कैश फ्लो पैदा करेगा।

रेवेन्यू बढ़ने के पीछे क्या वजह है?

  • मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, भारत इस समय मॉनेटाइजेशन फेज में है।
  • कैपेक्स अपने उच्चतम स्तर से नीचे आ रहा है
  • जबकि रेवेन्यू में मजबूत बढ़ोतरी देखने को मिल रही है
  • इसके अलावा, एयरटेल की 5G एयर फाइबर होम ब्रॉडबैंड सर्विस से भी बड़ी कमाई की उम्मीद है, जो 2028 तक रेवेन्यू को तीन गुना बढ़ाकर 145 अरब रुपये तक पहुंचा सकती है।

नॉन-मोबाइल बिजनेस से भी बढ़ेगी कमाई

रिपोर्ट में बताया गया है कि एयरटेल के नॉन-मोबाइल बिजनेस (जैसे ब्रॉडबैंड, डेटा सेंटर और एंटरप्राइज सर्विसेज) सालाना 20 फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं। अब ये बिजनेस कंपनी के कुल रेवेन्यू का 21 फीसदी हिस्सा बन चुके हैं।

वोडाफोन आइडिया बना अनिश्चित फैक्टर

मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि अगर वोडाफोन आइडिया को फंडिंग और रेगुलेटरी राहत मिल जाती है, तो वह एयरटेल और जियो के बढ़ते दबदबे को कुछ हद तक चुनौती दे सकता है। फिलहाल इसे इंडस्ट्री का सबसे बड़ा “अनिश्चित कारक” माना जा रहा है।