ग्वालियर व्यापार मेले में रोड टैक्स छूट को लेकर बढ़ी हलचल, सरकार के फैसले का इंतजार

श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेले को लेकर एक बार फिर प्रदेश भर के वाहन खरीदारों और कारोबारियों की नजरें मध्य प्रदेश सरकार पर टिकी हुई हैं। हर साल इस ऐतिहासिक मेले के दौरान वाहनों की खरीद पर दी जाने वाली 50 प्रतिशत रोड टैक्स छूट लोगों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण रहती है। लेकिन इस बार मेला शुरू होने में कुछ ही दिन शेष होने के बावजूद अब तक इस छूट को लेकर कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है। इसी वजह से बाजार में असमंजस की स्थिति बनी हुई है और लोग सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री से प्रभारी मंत्री की मुलाकात, छूट जारी रखने की मांग

ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री और प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को औपचारिक पत्र सौंपते हुए आग्रह किया कि ग्वालियर व्यापार मेले में वाहनों पर मिलने वाली 50 प्रतिशत रोड टैक्स छूट को इस वर्ष भी जारी रखा जाए। मंत्री सिलावट का कहना है कि यह छूट अब सिर्फ एक सुविधा नहीं, बल्कि ग्वालियर व्यापार मेले की पहचान बन चुकी है। इससे आम लोगों को सीधा आर्थिक फायदा होता है और मेला क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि मेला शुरू होने से पहले ही इस पर स्पष्ट निर्णय लिया जाए, ताकि लोगों में किसी तरह का भ्रम न रहे।

ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए लाइफलाइन है रोड टैक्स में राहत

ग्वालियर व्यापार मेले में हर साल सबसे ज्यादा कारोबार ऑटोमोबाइल सेक्टर का होता है। कार, बाइक, स्कूटर और अन्य वाहनों की बंपर बिक्री देखने को मिलती है। व्यापारियों का साफ कहना है कि इसकी सबसे बड़ी वजह रोड टैक्स में मिलने वाली 50 प्रतिशत की छूट है। इस छूट के चलते महंगे वाहनों पर भी ग्राहकों को बड़ा फायदा मिलता है। उदाहरण के तौर पर करीब 10 लाख रुपये तक के वाहन पर 80 से 90 हजार रुपये तक की सीधी बचत हो जाती है। यही कारण है कि मेला अवधि में शोरूमों में भीड़ उमड़ पड़ती है और कई बार बिक्री के पुराने रिकॉर्ड टूट जाते हैं।

25 दिसंबर से प्रस्तावित है मेला, नोटिफिकेशन का इंतजार

इस साल ग्वालियर व्यापार मेले का आयोजन 25 दिसंबर से 25 फरवरी तक प्रस्तावित है। मेला शुरू होने में अब ज्यादा समय नहीं बचा है, लेकिन रोड टैक्स छूट को लेकर अब तक सरकार की ओर से कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। ऐसे में वाहन विक्रेता भी असमंजस में हैं और खरीदार भी अंतिम निर्णय लेने से पहले सरकारी आदेश का इंतजार कर रहे हैं। व्यापारियों को उम्मीद है कि जैसे ही मेला शुरू होगा, सरकार छूट की घोषणा कर देगी, जिससे बाजार में रौनक लौट आएगी और बिक्री नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।

1905 से चली आ रही है ग्वालियर व्यापार मेले की गौरवशाली परंपरा

ग्वालियर व्यापार मेला सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक परंपरा है, जिसकी शुरुआत वर्ष 1905 में हुई थी। शुरुआती दौर में यह मेला पशु व्यापार के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन समय के साथ इसका स्वरूप बदलता गया। आज यह उत्तर भारत के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित व्यापार मेलों में गिना जाता है। यहां हथकरघा, हस्तशिल्प, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक सामान और खानपान के सैकड़ों स्टॉल लगते हैं, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

दूसरे राज्यों से भी उमड़ती है खरीदारों की भीड़

ग्वालियर व्यापार मेले की लोकप्रियता सिर्फ मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं है। ग्वालियर-चंबल संभाग के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान और आसपास के अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। खासतौर पर वाहन खरीदने के लिए लोग दूर-दराज से ग्वालियर आते हैं, क्योंकि रोड टैक्स में मिलने वाली छूट उन्हें अपने राज्य की तुलना में यहां सस्ता सौदा दिलाती है। यही वजह है कि रोड टैक्स छूट का फैसला इस बार भी मेले की सफलता के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।