मप्र विधानसभा विशेष सत्र: मनरेगा का नाम बदलने की मांग पर हंगामा, कांग्रेस ने किया वॉकआउट, CM मोहन यादव का पलटवार

मध्य प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही। सत्र के दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल ने एक अशासकीय संकल्प प्रस्तुत किया, जिसमें ‘मनरेगा’ (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा गया। इस प्रस्ताव के आते ही विपक्षी दल कांग्रेस ने तीखा विरोध शुरू कर दिया।

सदन में भारी शोर-शराबे के बीच कांग्रेस विधायकों ने इस प्रस्ताव को महात्मा गांधी का अपमान बताते हुए विरोध दर्ज कराया और सदन से वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस का कहना था कि यह योजना महात्मा गांधी के नाम पर है और इसका नाम बदलना स्वीकार्य नहीं है।

प्रह्लाद पटेल का तर्क: ‘भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई है योजना’

पंचायत मंत्री प्रह्लाद पटेल ने अपने संकल्प के समर्थन में तर्क देते हुए कहा कि मनरेगा योजना अब भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुकी है। उन्होंने कहा कि इस योजना का नाम बदलकर ‘रानी अवंती बाई लोधी’ या ‘राजमाता विजयाराजे सिंधिया’ के नाम पर रखा जाना चाहिए। पटेल ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार से नाम बदलने का अनुरोध करने के लिए यह संकल्प लाया गया है।

मंत्री पटेल ने कहा, ‘मनरेगा में जिस स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है, उससे महापुरुषों का नाम खराब होता है। इसलिए इसका नाम बदलना उचित होगा।’ हालांकि, कांग्रेस ने इसे बीजेपी की राजनीति करार दिया।

सीएम मोहन यादव का कांग्रेस पर पलटवार

कांग्रेस के वॉकआउट पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह व्यवहार निंदनीय है। सीएम ने कहा कि विपक्ष चर्चा से भाग रहा है और उनके पास कोई ठोस तर्क नहीं है।

“कांग्रेस महात्मा गांधी के नाम का केवल राजनीतिक उपयोग करती है। जब भ्रष्टाचार को रोकने और व्यवस्था सुधारने की बात आती है, तो वे सदन छोड़कर भाग जाते हैं।” — डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री

सीएम ने यह भी कहा कि सरकार महापुरुषों का सम्मान करती है और इसीलिए चाहती है कि किसी भी योजना में भ्रष्टाचार के कारण उनका नाम कलंकित न हो।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का बयान

सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी महात्मा गांधी के नाम से डरती है। सिंघार ने आरोप लगाया कि सरकार रोजगार देने में विफल रही है और अब केवल नाम बदलने की राजनीति कर रही है।

कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि सरकार मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के प्रस्ताव ला रही है। उन्होंने कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण भारत की तस्वीर बदली है और इसका नाम बदलना इतिहास मिटाने जैसा है।

संविधान दिवस पर विशेष सत्र

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा का यह विशेष सत्र संविधान दिवस के उपलक्ष्य में बुलाया गया था। सत्र के पहले दिन संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया था और डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद किया गया था। लेकिन दूसरे दिन की कार्यवाही मनरेगा के नाम बदलने के विवाद की भेंट चढ़ गई।

सदन में हंगामे के बावजूद, बीजेपी के बहुमत के कारण यह अशासकीय संकल्प ध्वनिमत से पारित होने की संभावना है, जिसके बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।