मध्य प्रदेश में सड़क परिवहन को आधुनिक और सुविधाजनक बनाने की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में जल्द ही ‘मुख्यमंत्री सुगम बस परिवहन सेवा’ की शुरुआत होने जा रही है। इस महत्वकांक्षी योजना का पहला चरण इंदौर और उज्जैन के बीच शुरू होगा। परिवहन विभाग ने इसके लिए अप्रैल से जून 2026 के बीच की समय सीमा तय की है।
इस योजना का मुख्य आकर्षण हाईवे पर मिलने वाली सुविधाएं हैं, जिन्हें ‘वे साइड’ (Way Side) नाम दिया गया है। अब यात्रियों को लंबी दूरी के सफर में परेशान नहीं होना पड़ेगा, क्योंकि हर 60 से 100 किलोमीटर की दूरी पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्टॉपेज बनाए जाएंगे।
पीपीपी मॉडल पर विकसित होंगी सुविधाएं
परिवहन विभाग ने इन सुविधाओं को विकसित करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल का खाका तैयार किया है। योजना के तहत सरकार निजी डेवलपर्स को 2 से 10 एकड़ तक जमीन मुहैया कराएगी। इसी जमीन पर डेवलपर को यात्रियों के लिए जरूरी सुविधाएं जुटानी होंगी।
इन ‘वे साइड’ सेंटर्स पर यात्रियों को रेस्टोरेंट, सुपर मार्केट, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन, वेटिंग रूम, स्वच्छ पानी, टॉयलेट और पार्किंग जैसी सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिलेंगी। इससे न केवल बस यात्रियों को बल्कि निजी वाहनों से सफर करने वालों को भी बड़ी राहत मिलेगी।
डेवलपर्स को मिलेगी निर्माण की छूट
सरकार ने निजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक व्यावहारिक मॉडल अपनाया है। डेवलपर्स को आवंटित जमीन पर यात्री सुविधाएं विकसित करने के बाद, बची हुई जमीन का उपयोग वे अपने हिसाब से कर सकेंगे। वे वहां आवासीय या गैर-आवासीय (कमर्शियल) निर्माण कर सकते हैं, जिससे वे अपनी लागत निकाल सकें और मुनाफा कमा सकें।
इंदौर-उज्जैन रूट से होगी शुरुआत
धार्मिक और व्यापारिक महत्व को देखते हुए इस सेवा की शुरुआत सबसे पहले इंदौर और उज्जैन के बीच की जाएगी। 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ कुंभ को देखते हुए भी इस रूट पर बेहतर परिवहन सुविधाओं का होना बेहद जरूरी माना जा रहा है। अप्रैल से जून 2026 के बीच इस रूट पर बसों का संचालन और वे साइड सुविधाओं का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के अन्य प्रमुख मार्गों पर भी इस मॉडल को लागू किया जाएगा।