नए साल का तोहफा, 1 जनवरी 2026 से सस्ती होंगी CNG और PNG, नियामक बोर्ड ने बदले टैरिफ नियम

नया साल 2026 आम आदमी के लिए राहत भरी खबर लेकर आ रहा है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने गैस की कीमतों को नियंत्रित करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। बोर्ड ने एकीकृत टैरिफ ढांचे (Unified Tariff Structure) में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जिसका सीधा असर रसोई और गाड़ियों के ईंधन के खर्च पर पड़ेगा।

नियामक बोर्ड के इस फैसले के मुताबिक, नई दरें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो जाएंगी। इस बदलाव का उद्देश्य देश भर में गैस की कीमतों में एकरूपता लाना और परिवहन लागत को तर्कसंगत बनाना है। इससे विशेष रूप से उन इलाकों में फायदा होगा जहां गैस की परिवहन लागत अधिक होने के कारण कीमतें ज्यादा रहती थीं।

आम जनता को मिलेगी सीधी राहत

इस फैसले के लागू होने के बाद कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) और पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) दोनों के दामों में कमी आने की उम्मीद है। सीएनजी का इस्तेमाल जहां वाहनों में ईंधन के रूप में होता है, वहीं पीएनजी का उपयोग घरों में खाना पकाने और उद्योगों में होता है। ऐसे में कीमतों में गिरावट से न केवल वाहन मालिकों का खर्च कम होगा, बल्कि गृहणियों के रसोई के बजट को भी सहारा मिलेगा।

क्या है एकीकृत टैरिफ ढांचा?

एकीकृत टैरिफ ढांचे का मतलब है कि गैस को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए लगने वाले शुल्क (Transportation Tariff) को युक्तिसंगत बनाया जाए। पहले अलग-अलग पाइपलाइनों के लिए अलग-अलग शुल्क होने से अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचते-पहुंचते गैस महंगी हो जाती थी। अब नए ढांचे के तहत इस विसंगति को दूर करने का प्रयास किया गया है।

भविष्य की योजनाएं

सरकार और नियामक बोर्ड का जोर इस बात पर है कि प्राकृतिक गैस को एक किफायती और स्वच्छ ईंधन विकल्प के रूप में बढ़ावा दिया जाए। इन बदलावों से उम्मीद की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग पारंपरिक ईंधन छोड़कर सीएनजी और पीएनजी को अपनाएंगे। इससे न केवल लोगों की जेब पर बोझ कम होगा, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा।

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊर्जा की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया है। ऐसे में घरेलू स्तर पर टैरिफ में सुधार करके उपभोक्ताओं को स्थिर और कम कीमत पर गैस उपलब्ध कराना एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।