मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक अच्छी खबर है। मंदिर प्रबंधन समिति ने भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दान करने की प्रक्रिया को अब और अधिक सरल बना दिया है। अब बाबा महाकाल के भक्त मंदिर में बिना नकद राशि के भी आसानी से दान कर सकेंगे।
मंदिर समिति ने ‘कैशलेस डोनेशन’ की नई व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत मंदिर परिसर में विभिन्न स्थानों पर क्यूआर कोड (QR Code) लगाए गए हैं। श्रद्धालु अपने मोबाइल फोन से इन कोड को स्कैन कर सीधे मंदिर समिति के बैंक खाते में दान राशि जमा कर सकते हैं। यह कदम डिजिटल इंडिया मुहिम को बढ़ावा देने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
भीड़भाड़ से मिलेगी राहत
महाकाल मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं। विशेष पर्वों और सावन मास में यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है। ऐसे में दान काउंटरों पर अक्सर लंबी कतारें लग जाती थीं। नई डिजिटल व्यवस्था से अब भक्तों को दान करने के लिए लाइन में लगने की आवश्यकता नहीं होगी। वे चलते-फिरते या दर्शन कतार में खड़े रहकर भी अपने मोबाइल से सुरक्षित तरीके से दान कर सकेंगे।
पारदर्शिता और सुरक्षा पर जोर
मंदिर प्रबंधन का मानना है कि कैशलेस लेनदेन से दान प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता आएगी। नकद राशि के प्रबंधन में लगने वाले समय और श्रम की भी बचत होगी। साथ ही, श्रद्धालुओं को भी रसीद के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि डिजिटल ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड उनके पास तुरंत उपलब्ध हो जाएगा।
पहले भी हुए हैं कई बदलाव
गौरतलब है कि महाकाल मंदिर समिति समय-समय पर भक्तों की सुविधाओं के लिए नई तकनीकों को अपनाती रही है। इससे पहले भस्म आरती की बुकिंग और वीआईपी दर्शन व्यवस्था को भी ऑनलाइन किया जा चुका है। पुरानी व्यवस्थाओं के तहत दान पेटियों में नकद राशि डालने का प्रचलन था, जो अब भी जारी रहेगा, लेकिन डिजिटल विकल्प जुड़ने से युवा और तकनीक-प्रेमी भक्तों को बड़ी सहूलियत मिलेगी।
प्रशासन ने मंदिर परिसर में जगह-जगह साइनेज बोर्ड लगाए हैं, जिन पर क्यूआर कोड अंकित हैं। साथ ही, श्रद्धालुओं की सहायता के लिए मंदिर के कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे जो डिजिटल दान प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कठिनाई होने पर मदद करेंगे।