इंदौर के खजराना गणेश मंदिर की दानपेटियों से निकले 1.78 करोड़ रुपए, बंद हो चुके 2000 के नोट और मोबाइल भी मिला

Indore News : इंदौर के विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में दानपेटियों की गिनती का काम पूरा हो गया है। पिछले एक सप्ताह से चल रही इस प्रक्रिया के बाद कुल 1 करोड़ 78 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई है।
इस बार दान में न केवल नकद राशि, बल्कि विदेशी मुद्रा, सोने-चांदी के आभूषण और यहां तक कि एक मोबाइल फोन भी मिला है। हैरानी की बात यह है कि दानपात्रों से बंद हो चुके 2000 और 500 रुपए के पुराने नोट भी बड़ी संख्या में निकले है।

मंदिर की दानपेटियों में नकदी के अलावा बड़ी मात्रा में ‘मन की बात’ भी मिली है। कई श्रद्धालुओं ने भगवान गणेश को पत्र लिखकर अपनी मनोकामनाएं बताई हैं। इनमें नौकरी पाने से लेकर पारिवारिक विवाद सुलझाने तक की अर्जी शामिल है। कुछ लिफाफों में नकली नोट और नकली आभूषण भी पाए गए हैं।
कड़ी सुरक्षा में हुई गिनती
सूत्रो के मुताबिक बताया जा रहा है कि दान राशि की गिनती पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच की गई है। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करवाई गई है ताकि कार्य में पारदर्शिता बनी रहे। गिनती के लिए नगर निगम परिषद कार्यालय के अधीक्षक प्रदीप दुबे के नेतृत्व में 25 सदस्यों की एक टीम लगाई गई थी।
प्राप्त राशि को मंदिर के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और यूनियन बैंक के खातों में जमा करा दिया गया है। वहीं, सोने-चांदी के आभूषणों और विदेशी मुद्रा का मूल्यांकन अलग से किया जाएगा। इसके लिए उन्हें कन्वर्ट कराने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
साल में तीन बार होती है गिनती
खजराना गणेश मंदिर में साल में तीन बार दानपेटियों की गिनती की जाती है। इससे पहले 1 अगस्त को हुई गिनती में 1 करोड़ 68 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई थी। मंदिर परिसर में कुल 43 दानपेटियां लगाई गई हैं। मंदिर प्रबंधन के अनुसार, दान से प्राप्त राशि का उपयोग मंदिर के विकास कार्यों, धार्मिक अनुष्ठानों और जनकल्याणकारी गतिविधियों में किया जाता है।
नए साल पर उमड़ेगी भीड़
दिसंबर का महीना खत्म होने को है और नए साल का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु खजराना गणेश के दर्शन करने पहुंचते हैं। 31 दिसंबर और 1 जनवरी को यहां भारी भीड़ रहने की संभावना है। मंदिर के मुख्य पुजारी अशोक भट्ट के मुताबिक, भगवान गणेश के प्रति भक्तों की आस्था इतनी गहरी है कि हर बार दानपेटियां खुलने पर बड़ी धनराशि और कीमती वस्तुएं मिलती हैं।

यह मंदिर न केवल आम जनता बल्कि राजनेताओं, उद्योगपतियों, खिलाड़ियों और बॉलीवुड हस्तियों की आस्था का भी प्रमुख केंद्र है। होलकर वंश की महारानी अहिल्याबाई द्वारा 1735 में बनवाए गए इस मंदिर में बुधवार को सबसे ज्यादा भीड़ होती है। इसके अलावा गणेश चतुर्थी और तिल चतुर्थी के मौके पर यहां लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं।