टीआरपी के लिए आस्था से खिलवाड़? खजराना मंदिर को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियां

खजराना गणेश मंदिर में सनातनी विधायक गोलू शुक्ला के पुत्र अंजनेश शुक्ला और उनकी धर्मपत्नी द्वारा किए गए दर्शन को लेकर कुछ मीडिया माध्यमों ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर भ्रामक और सनसनीखेज खबरें प्रसारित की हैं। इन खबरों में सच्चाई का कोई आधार नहीं है और इन्हें पूरी तरह झूठा, दुर्भावनापूर्ण व निंदनीय बताया जा रहा है।

स्पष्ट किया जाता है कि यह दर्शन मंदिर की प्राचीन परंपराओं, पुजारीजनों की पूर्ण सहमति और मंदिर प्रशासन की निर्धारित व्यवस्था के अंतर्गत ही संपन्न हुए। न तो किसी नियम का उल्लंघन किया गया और न ही किसी प्रकार का विशेषाधिकार लिया गया। इसके बावजूद कुछ तथाकथित मीडिया संस्थानों द्वारा इस पावन अवसर को विवाद का रूप देना उनकी नकारात्मक और पक्षपातपूर्ण सोच को दर्शाता है।

एक नवविवाहित दंपति के श्रद्धापूर्ण दर्शन को राजनीतिक रंग देने का प्रयास यह साबित करता है कि संबंधित मीडिया का उद्देश्य जनहित में सूचना देना नहीं, बल्कि सनातन आस्था को बदनाम करना और अनावश्यक विवाद खड़ा करना है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आस्था के प्रमुख केंद्र खजराना गणेश मंदिर को भी टीआरपी और एजेंडे की भेंट चढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

यह भी स्पष्ट किया गया है कि ऐसे प्रयास न केवल असफल होंगे, बल्कि समाज इन्हें आस्था-विरोधी मानसिकता के रूप में याद रखेगा। गोलू शुक्ला परिवार किसी भी प्रकार के झूठे और भ्रामक आरोपों से विचलित होने वाला नहीं है और आवश्यकता पड़ने पर इस तरह के दुष्प्रचार के खिलाफ कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा सकता है।