भारत लगातार इनोवेशन और रिसर्च हब के रूप में अपनी पहचान मजबूत कर रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में इसके प्रमाण स्पष्ट रूप से दिखाई दिए, जब देश में पेटेंट आवेदन 1 लाख के आंकड़े को पार कर गए। इस अवधि में इंडियन IP ऑफिस में कुल 1.1 लाख से अधिक पेटेंट आवेदन दाखिल किए गए। यह संख्या पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में दर्ज किए गए 92,168 आवेदन की तुलना में लगभग 20% अधिक है।
घरेलू इनोवेशन और आत्मनिर्भरता का संकेत
पेटेंट आवेदन में से करीब 62% आवेदन देशी इनोवेटर्स की ओर से आए हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारत में आत्मनिर्भर इनोवेशन और R&D आधार लगातार मजबूत हो रहा है। कुल मिलाकर, बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) से जुड़ी फाइलिंग में 18% से अधिक की वृद्धि हुई है। पेटेंट के अलावा डिज़ाइन, ट्रेडमार्क और ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (GI) में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई।
IPR फाइलिंग में समग्र वृद्धि
कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट, डिज़ाइन, ट्रेडमार्क और GI के कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, FY25 में कुल IPR फाइलिंग 6.3 लाख से बढ़कर 7.4 लाख हो गई। इस वृद्धि में कंज्यूमर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में डिज़ाइन और इंडस्ट्रियल इनोवेशन की बढ़ती प्रवृत्ति स्पष्ट दिखाई देती है।
डिज़ाइन आवेदन FY24 में 30,389 से बढ़कर FY25 में 43,005 हो गए, यानी 41.5% की बढ़ोतरी। ट्रेडमार्क आवेदन, जो व्यावसायिक IP का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला रूप है, FY24 में 4.7 लाख से बढ़कर FY25 में लगभग 5.5 लाख हो गए, यानी 16% की बढ़त।
कॉपीराइट और GI आवेदन में उल्लेखनीय बढ़त
कॉपीराइट और GI से जुड़े आवेदन भी बढ़े हैं। FY25 में कॉपीराइट आवेदन 36,726 से बढ़कर 44,095 तक पहुंचे, जबकि GI आवेदन 134 से बढ़कर 275 हो गए। यह बढ़ोतरी पारंपरिक ज्ञान और रचनात्मक कामों की बढ़ती पहचान को दर्शाती है।
नीतिगत और तकनीकी सुधारों का योगदान
IP ऑफिस ने इस तेज़ वृद्धि का श्रेय नीतिगत और प्रशासनिक सुधारों को दिया है। इनमें पेटेंट नियम 2024 शामिल हैं, जिसने पेटेंट प्रक्रिया को सरल और तेज बनाया। इसके अलावा, इंडस्ट्रियल डिज़ाइन के लिए लोकार्नो समझौते के तहत अंतरराष्ट्रीय वर्गीकरण अपनाया गया, जिससे डिज़ाइन फाइलिंग आसान हुई।
तकनीकी प्रगति ने भी अहम योगदान दिया। AI आधारित टूल्स, जैसे ट्रेडमार्क सर्च तकनीक और IP सारथी चैटबॉट, पेश किए गए। इन तकनीकों से जांच की रफ्तार और सटीकता बढ़ी और स्टेकहोल्डर्स को 24 घंटे सहायता उपलब्ध हुई।