मध्य प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने स्मार्ट मीटर को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इसके तहत प्रीपेड स्मार्ट मीटर का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली बिल में विशेष छूट दी जाएगी। कंपनी का उद्देश्य आधुनिक तकनीक को अपनाना और बिलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है।
इस नई व्यवस्था के अनुसार, जो उपभोक्ता अपने घरों या प्रतिष्ठानों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगवाएंगे, उन्हें प्रत्येक यूनिट पर 25 पैसे की छूट मिलेगी। यह छूट सीधे तौर पर उनके रिचार्ज अमाउंट में रिफ्लेक्ट होगी। कंपनी का मानना है कि इससे न केवल उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि ऊर्जा संरक्षण के प्रति भी जागरूकता बढ़ेगी।
कैसे मिलेगा छूट का लाभ?
विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक, यह छूट केवल उन उपभोक्ताओं के लिए मान्य होगी जो पोस्टपेड से प्रीपेड मोड में शिफ्ट होंगे। प्रीपेड मीटर बिल्कुल मोबाइल रिचार्ज की तरह काम करते हैं। इसमें उपभोक्ता अपनी जरूरत के हिसाब से पहले रिचार्ज करते हैं और फिर बिजली का उपभोग करते हैं। जैसे ही बैलेंस खत्म होता है, बिजली सप्लाई अपने आप बंद हो जाती है, जिसे दोबारा रिचार्ज कर तुरंत चालू किया जा सकता है।
इस प्रक्रिया में उपभोक्ताओं को 25 पैसे प्रति यूनिट की रियायत दी जा रही है। उदाहरण के लिए, यदि कोई उपभोक्ता 100 यूनिट बिजली का उपयोग करता है, तो उसे सीधे तौर पर 25 रुपये की बचत होगी। यह योजना घरेलू और व्यावसायिक दोनों तरह के उपभोक्ताओं के लिए लागू की जा रही है।
बिलिंग में पारदर्शिता और सुविधा
स्मार्ट मीटर लगने से सबसे बड़ा फायदा बिलिंग में पारदर्शिता का है। अक्सर उपभोक्ताओं को गलत रीडिंग या अत्यधिक बिल की शिकायत रहती थी। स्मार्ट मीटर से रीडिंग ऑटोमैटिकली सर्वर पर दर्ज होती है, जिससे मानवीय भूल की गुंजाइश खत्म हो जाती है। इसके अलावा, उपभोक्ता अपने मोबाइल ऐप के जरिए रीयल-टाइम में बिजली की खपत देख सकते हैं।
कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्मार्ट मीटर लगवाने के लिए उपभोक्ताओं से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जा रहा है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से नि:शुल्क है। कंपनी का लक्ष्य चरणबद्ध तरीके से सभी पुराने मीटरों को स्मार्ट मीटर से बदलना है।
पुराने मीटरों से मिल रही निजात
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के कई जिलों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। बैतूल सहित अन्य क्षेत्रों में भी इस योजना को प्राथमिकता दी जा रही है। पहले चरण में सरकारी कार्यालयों और बड़े बकायेदारों के यहां मीटर बदले गए थे, अब आम उपभोक्ताओं को भी इस दायरे में लाया जा रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि प्रीपेड व्यवस्था से कंपनी को भी राजस्व वसूली में आसानी होगी और लाइन लॉस कम करने में मदद मिलेगी। वहीं, उपभोक्ताओं को बार-बार बिजली दफ्तर के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी, क्योंकि रिचार्ज और शिकायत निवारण की सुविधा अब ऑनलाइन उपलब्ध है।