मध्य प्रदेश के देवास जिले की बागली विधानसभा में सत्ता की हनक का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक निजी बस कंडक्टर को विधायक के बेटे से टिकट मांगना महंगा पड़ गया। आरोप है कि टिकट मांगने से नाराज विधायक पुत्र ने चलती बस को रुकवा दिया और उसे थाने में खड़ा करवा दिया। इस दौरान बस में सवार यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी और उन्हें पैदल ही अपने गंतव्य की ओर जाना पड़ा।
जानकारी के अनुसार, ‘पराग बस’ इंदौर से पिपरी के लिए रवाना हुई थी। यह बस अपने निर्धारित रूट पर बागली होकर गुजरती है। बताया जा रहा है कि बागली से विधायक मुरली भंवरा के बेटे अपने दोस्तों के साथ अक्सर इंदौर आते-जाते रहते हैं। इसी दौरान बस में सफर करते समय जब परिचालक ने उनसे टिकट के पैसे मांगे, तो विवाद की स्थिति बन गई।
यात्रियों को भुगतना पड़ा खामियाजा
विवाद बढ़ने के बाद बस को बागली में ही रोक लिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, विधायक पुत्र की नाराजगी के चलते बस को सीधे थाने ले जाकर खड़ा करवा दिया गया। इस कार्रवाई का सबसे बुरा असर बस में बैठे आम यात्रियों पर पड़ा। बीच रास्ते में बस रुकने से सवारियां परेशान हो गईं और उन्हें वहां से पैदल ही रवाना होना पड़ा।
सत्ता के रसूख का आरोप
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि विधायक पुत्र अपने दोस्तों के साथ बस में सवार थे। टिकट मांगने की बात उन्हें नागवार गुजरी और उन्होंने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए बस पर कार्रवाई करवा दी। फिलहाल पुलिस ने बस को थाने में खड़ा कर लिया है। इस घटना को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से अभी किसी बड़े पुलिस अधिकारी का बयान सामने नहीं आया है।
यह घटना एक बार फिर सवाल खड़े करती है कि क्या जनप्रतिनिधियों के परिजनों के लिए नियम-कायदे आम जनता से अलग हैं? यात्रियों को हुई असुविधा के लिए अब तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है।