इंदौर शहर में बिगड़ती यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रशासन ने एक बड़ा और सख्त कदम उठाया है। शहर की सड़कों पर बेतरतीब दौड़ते ई-रिक्शा अब मनमर्जी से नहीं चल सकेंगे। जिला प्रशासन और यातायात पुलिस ने मिलकर ई-रिक्शा संचालन के लिए ‘सेक्टर सिस्टम’ लागू करने का निर्णय लिया है। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य प्रमुख चौराहों और व्यस्त मार्गों पर जाम की स्थिति को कम करना है।
नई योजना के तहत, पूरे शहर को अलग-अलग सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा। ई-रिक्शा चालकों को अब उनके निर्धारित सेक्टर और रूट के हिसाब से ही वाहन चलाने की अनुमति होगी। यदि कोई ई-रिक्शा चालक अपने तय रूट या सेक्टर से बाहर सवारी भरते या वाहन चलाते हुए पाया गया, तो उस पर तत्काल चालानी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का मानना है कि इससे सड़कों पर वाहनों का दबाव संतुलित रहेगा।
रूट निर्धारण और कलर कोडिंग की तैयारी
जानकारी के मुताबिक, इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए ई-रिक्शा पर विशेष कलर कोडिंग या स्टीकर सिस्टम भी लागू किया जा सकता है। इससे ट्रैफिक पुलिस को यह पहचानने में आसानी होगी कि कौन सा रिक्शा किस सेक्टर का है। अक्सर देखा गया है कि मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा की कतारें लग जाती हैं, जिससे सिटी बस और अन्य निजी वाहनों को निकलने में परेशानी होती है। सेक्टर सिस्टम लागू होने से हर क्षेत्र में रिक्शा की संख्या सीमित और नियंत्रित रहेगी।
बैठक में बनी सहमति
हाल ही में यातायात प्रबंधन को लेकर हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। अधिकारियों ने पाया कि शहर में ई-रिक्शा की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। सस्ते और सुलभ साधन होने के कारण इनकी मांग तो है, लेकिन बिना नियम-कायदे के संचालन ने ट्रैफिक पुलिस के लिए सिरदर्द बढ़ा दिया है। इसी समस्या के समाधान के रूप में सेक्टर सिस्टम को मंजूरी दी गई है।
नियम तोड़ने पर होगी सख्त कार्रवाई
यातायात विभाग ने स्पष्ट किया है कि शुरुआती दौर में चालकों को जागरूक किया जाएगा, लेकिन इसके बाद सख्ती बरती जाएगी। नियम तोड़ने वाले चालकों पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माना लगाया जाएगा। बार-बार नियम तोड़ने पर परमिट रद्द करने जैसी कार्रवाई भी हो सकती है। प्रशासन ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे यातायात नियमों का पालन करें और इस नई व्यवस्था में सहयोग करें।
गौरलतब है कि इंदौर ने स्वच्छता में देश भर में अपनी पहचान बनाई है, लेकिन ट्रैफिक जाम शहर की एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है। ई-रिक्शा के लिए यह नई पहल अगर सफल होती है, तो इंदौर की सड़कों पर यातायात का दबाव काफी हद तक कम हो सकता है।