भोपाल में सीएम मोहन यादव की पुलिस अफसरों के साथ बड़ी बैठक, कानून व्यवस्था और नशे के खिलाफ अभियान पर मंथन

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कानून व्यवस्था को लेकर एक अहम बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुलिस मुख्यालय (PHQ) पहुंचकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मंथन किया। इस आईजी-डीआईजी कॉन्फ्रेंस में प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिसिंग के तौर-तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य में अपराध नियंत्रण और पुलिस की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाना था। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कानून का राज स्थापित करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस को अपराधियों में भय और आम जनता में विश्वास पैदा करना होगा।

नशामुक्ति अभियान पर विशेष जोर

कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चल रहे नशामुक्ति अभियान की समीक्षा की। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को अवैध मादक पदार्थों के कारोबार पर पूरी तरह से लगाम लगाने के निर्देश दिए। सीएम ने स्पष्ट किया कि नशे के सौदागरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि युवा पीढ़ी को इस बुराई से बचाया जा सके।

पुलिसिंग में सुधार और तकनीक का उपयोग

बैठक में आधुनिक तकनीक के उपयोग और साइबर अपराधों से निपटने की रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री ने पुलिस बल को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने और खुफिया तंत्र को मजबूत करने की बात कही। उन्होंने कहा कि बदलते दौर में अपराध के तरीके भी बदल रहे हैं, इसलिए पुलिस को भी अपडेट रहने की जरूरत है।

जनता के साथ संवाद बढ़ाने की नसीहत

डॉ. मोहन यादव ने पुलिस अधिकारियों को जनता के साथ संवाद बढ़ाने और उनकी समस्याओं को संवेदनशीलता से सुनने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि थानों में आने वाले फरियादियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाना चाहिए। पुलिस की छवि एक सहयोगी और रक्षक की होनी चाहिए।

इस कॉन्फ्रेंस में डीजीपी सुधीर सक्सेना सहित प्रदेश भर के आईजी, डीआईजी और एसपी स्तर के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में पिछले कुछ समय में हुए अपराधों और पुलिस की कार्रवाई का ब्योरा भी प्रस्तुत किया गया। सरकार का प्रयास है कि मध्य प्रदेश को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण राज्य के रूप में स्थापित किया जाए।