फर्जी जजमेंट मामले में आईएएस संतोष वर्मा की मुश्किलें बढ़ीं, टाइपिस्ट गिरफ्तार, अब घर की तलाशी लेगी पुलिस

इंदौर में निलंबित आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। फर्जी कोर्ट जजमेंट तैयार करने के मामले में पुलिस की जांच अब और तेज हो गई है। इंदौर पुलिस ने इस मामले में एक अहम कार्रवाई करते हुए उस टाइपिस्ट को गिरफ्तार कर लिया है, जिस पर फर्जी आदेश टाइप करने का आरोप है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार टाइपिस्ट से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने में और कौन-कौन लोग शामिल थे। इस गिरफ्तारी को मामले की तह तक जाने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा है।

घर की तलाशी की तैयारी

जांच अधिकारी अब संतोष वर्मा के निवास की तलाशी लेने की योजना बना रहे हैं। पुलिस को शक है कि फर्जी जजमेंट से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य आरोपी के घर पर मिल सकते हैं। इसके लिए पुलिस टीम जल्द ही सर्च वारंट के साथ कार्रवाई कर सकती है। पुलिस का उद्देश्य उन उपकरणों को बरामद करना है जिनका उपयोग फर्जी दस्तावेज बनाने में किया गया था।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला पदोन्नति पाने के लिए रचे गए एक बड़े षड्यंत्र से जुड़ा है। आरोप है कि संतोष वर्मा ने आईएएस (IAS) कैडर पाने के लिए अपने खिलाफ चल रहे एक पुराने मामले में खुद को बरी दिखाने के लिए कोर्ट का एक फर्जी आदेश तैयार करवाया था। इस फर्जी जजमेंट का इस्तेमाल उन्होंने विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) को गुमराह करने के लिए किया।

जब इस फर्जीवाड़े की शिकायत हुई, तो जांच में पाया गया कि जिस जज के नाम से आदेश जारी हुआ था, उन्होंने ऐसा कोई फैसला दिया ही नहीं था। इसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में मामला दर्ज किया था।

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई

संतोष वर्मा को इस मामले में पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है और वे जेल भी जा चुके हैं। राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था। अब टाइपिस्ट की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को उम्मीद है कि इस साजिश की पूरी परतें खुल सकेंगी। पुलिस यह भी जांच रही है कि क्या इस काम में किसी अन्य प्रशासनिक अधिकारी या कर्मचारी की मिलीभगत तो नहीं थी।

फिलहाल पुलिस गिरफ्तार टाइपिस्ट को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। आने वाले दिनों में इस हाई-प्रोफाइल मामले में कुछ और बड़े खुलासे होने की संभावना है।