जनसुनवाई बनी उम्मीद की किरण, आईटीआई में अन्याय पर चला प्रशासन का डंडा

इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा की जनसुनवाई एक बार फिर संवेदनशील और सक्रिय प्रशासन का उदाहरण बनी। पिछली जनसुनवाई के दौरान एक मूक-बधिर दिव्यांग छात्रा अपनी मां के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंची थी। छात्रा ने सांकेतिक भाषा के माध्यम से सुखलिया स्थित आईटीआई संस्थान में चल रही गंभीर अनियमितताओं और विद्यार्थियों के साथ हो रहे अन्याय की जानकारी प्रमाणों के साथ दी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने तत्काल जांच और औचक निरीक्षण के निर्देश दिए।

एसडीएम को सौंपा गया जांच का जिम्मा

कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देश पर एसडीएम प्रिया वर्मा पटेल को मामले की जांच सौंपी गई। निर्देश मिलते ही एसडीएम ने बिना पूर्व सूचना के सुखलिया स्थित आईटीआई संस्थान का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सीधे विद्यार्थियों से संवाद कर उनकी समस्याएं विस्तार से सुनीं और हालात का जायजा लिया।

जांच में उजागर हुई अमानवीय कार्यप्रणाली

निरीक्षण के दौरान संस्था में गेस्ट फैकल्टी इंद्रा द्वारा की जा रही गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। जांच में पाया गया कि विद्यार्थियों से पढ़ाई कराने के बजाय झाड़ू-पोछा, मैदान की सफाई जैसे कार्य कराए जा रहे थे। इसके साथ ही विद्यार्थियों से हर महीने पांच-पांच सौ रुपये की अवैध वसूली भी की जा रही थी। इन सभी आरोपों के ठोस प्रमाण मौके पर ही मिले।

दोषियों पर तत्काल कार्रवाई

विद्यार्थियों के साथ किए जा रहे अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम प्रिया वर्मा पटेल ने संबंधित गेस्ट फैकल्टी को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए। साथ ही अन्य जिम्मेदार फैकल्टी के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। संस्था प्रबंधन ने जांच के दौरान अपनी गलतियों को स्वीकार किया। एसडीएम ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ, तो संस्था के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पूरे परिसर का गहन निरीक्षण

औचक निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने संस्था के प्रत्येक कक्ष, प्रयोगशालाओं और पूरे परिसर का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्थाओं में सुधार के स्पष्ट निर्देश दिए। यह पूरी कार्रवाई कई घंटों तक चली, जिससे यह साफ हो गया कि प्रशासन इस मामले को हल्के में लेने के मूड में नहीं है।

विद्यार्थियों को मिला न्याय का भरोसा

एसडीएम प्रिया वर्मा पटेल ने विद्यार्थियों को आश्वस्त किया कि उनकी सुरक्षा, सम्मान और न्याय सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य से कलेक्टर शिवम वर्मा ने उन्हें जांच के लिए भेजा है।

इस कार्रवाई के बाद दिव्यांग छात्रा सहित सभी विद्यार्थी बेहद खुश नजर आए। विद्यार्थियों ने मौके पर ही कलेक्टर शिवम वर्मा के प्रति आभार व्यक्त किया और दिल से दुआएं दीं। लंबे समय बाद बच्चों के चेहरों पर राहत, खुशी और नई आज़ादी का एहसास साफ दिखाई दिया, जिसने प्रशासन की इस पहल को और भी सार्थक बना दिया।