उज्जैन में 21 दिसंबर से छठवां अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष महाधिवेशन, नेपाल समेत कई राज्यों के विद्वान करेंगे मंथन

उज्जैन। धर्म और संस्कृति की नगरी उज्जैन में ज्योतिष विज्ञान के गूढ़ रहस्यों पर मंथन होने जा रहा है। आगामी 21 और 22 दिसंबर 2025 को शहर में छठे ‘अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष महाधिवेशन’ का आयोजन किया जाएगा। यह दो दिवसीय सम्मेलन कालिदास अकादमी के कोठी रोड स्थित अभिरंग सभागार में संपन्न होगा। इस महाकुंभ में न केवल भारत के विभिन्न राज्यों से बल्कि पड़ोसी देश नेपाल से भी शीर्ष ज्योतिषी, वास्तुविद और आध्यात्मिक विचारक हिस्सा लेंगे।

आयोजन समिति के संयोजक डॉ. सर्वेश्वर शर्मा और सह संयोजक डॉ. अजय शर्मा ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा को वैश्विक पटल पर मजबूती से रखना है। कार्यक्रम के दौरान ज्योतिष, वास्तु, तंत्र और अध्यात्म जैसे विषयों पर विद्वान अपने शोधपरक विचार रखेंगे।

उद्घाटन सत्र और प्रमुख अतिथि

महाधिवेशन का औपचारिक उद्घाटन रविवार, 21 दिसंबर को दोपहर 2:30 बजे किया जाएगा। इस सत्र के मुख्य अतिथि सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन की कार्यपरिषद के वरिष्ठ सदस्य राजेशसिंह कुशवाह होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज करेंगे।

समारोह में वाल्मीकि पीठाधीश्वर और राज्यसभा सांसद बालयोगी उमेशनाथ महाराज बतौर सारस्वत अतिथि मौजूद रहेंगे। इसके अलावा, विशिष्ट अतिथियो में पुराविद डॉ. रमन सोलंकी और संस्कृत ज्योतिर्विज्ञान वेद अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रो. बी.के. आंजना अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।

इन संस्थाओं का संयुक्त प्रयास

यह आयोजन कई प्रतिष्ठित संस्थाओं के साझे प्रयासों का परिणाम है। इनमें सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, कालिदास संस्कृत अकादमी, पूर्णश्री फाउंडेशन, आचार्य वराहमिहिर न्यास, सम्राट विक्रमादित्य विद्वत परिषद् और साउथ एशियन एस्ट्रो फेडरेशन (नेपाल) शामिल हैं।

देश-विदेश के विद्वानों का जमावड़ा

इस महाधिवेशन में गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों के विद्वान दैवज्ञ अपने व्याख्यान देंगे। नेपाल से विशेष रूप से नेपाल पंचांग समिति के कार्यकारी निदेशक आचार्य लक्ष्मण पंथी, डॉ. निलिम्प त्रिपाठी और आचार्य कैलाशपति नायक जैसे दिग्गज विद्वान महत्वपूर्ण सत्रों का मार्गदर्शन करेंगे।

दो दिन में होंगे कई अकादमिक सत्र

सम्मेलन की रूपरेखा के अनुसार, पहले दिन उद्घाटन समारोह के बाद दो व्याख्यान सत्र आयोजित किए जाएंगे। दूसरे दिन, यानी 22 दिसंबर को सुबह 10 बजे से लगातार चार अकादमिक सत्र होंगे। इन सत्रों में ज्योतिष के वैश्विक महत्व और इसकी वैज्ञानिकता पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। सोमवार शाम 4:00 बजे समापन समारोह आयोजित होगा, जिसमें सहभागी विद्वानों को सम्मानित किया जाएगा।