दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता राजधानी के लोगों को बड़ी राहत देने की दिशा में अहम कदम उठा सकती हैं। सरकार द्वारा जल्द ही एक विशेष एमनेस्टी स्कीम लाए जाने की संभावना है, जिसके तहत दिल्ली पुलिस और एनफोर्समेंट विभाग की ओर से काटे गए पुराने ट्रैफिक चालानों को माफ किया जा सकता है।
इस प्रस्ताव को लेकर सरकार ने उपराज्यपाल (एलजी) के पास मंजूरी के लिए फाइल भेज दी है। माना जा रहा है कि अनुमति मिलते ही इसे कैबिनेट में पेश कर जल्द ही पास किया जा सकता है।
क्या है एमनेस्टी स्कीम और क्यों होती है जरूरी
एमनेस्टी स्कीम दरअसल सरकार की वह योजना होती है, जिसके माध्यम से आम नागरिकों को पुराने बकाया टैक्स, जुर्माने या अन्य कानूनी देनदारियों से राहत दी जाती है। इस स्कीम के तहत सरकार या तो पूरा बकाया माफ कर देती है या फिर आसान और रियायती शर्तों पर भुगतान का मौका देती है। इसका उद्देश्य लोगों को कानूनी पचड़ों से बचाना, लंबित मामलों को निपटाना और सरकारी रिकॉर्ड को दुरुस्त करना होता है। ट्रैफिक चालान, जीएसटी, प्रॉपर्टी टैक्स जैसे मामलों में ऐसी योजनाएं पहले भी लाई जाती रही हैं।
लंबित चालानों से मिलेगी राहत, सिस्टम होगा मजबूत
यदि यह एमनेस्टी स्कीम लागू होती है तो लाखों दिल्लीवासियों को पुराने ट्रैफिक चालानों से राहत मिल सकती है। इससे न केवल लोगों पर आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि ट्रैफिक विभाग के लंबित मामलों का निपटारा भी आसान होगा। सरकार का मानना है कि इससे नियमों के पालन को लेकर जागरूकता बढ़ेगी और भविष्य में ट्रैफिक सिस्टम को और बेहतर बनाया जा सकेगा।
अगले वित्तीय वर्ष में लागू हो सकती है नई EV पॉलिसी
प्रदूषण को लेकर गंभीर रुख अपनाते हुए रेखा सरकार राजधानी में परिवहन व्यवस्था को आधुनिक बनाने पर भी लगातार काम कर रही है। इसी क्रम में सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति का खाका तैयार कर लिया है। इस नई नीति का मकसद दिल्ली में प्रदूषण को कम करना और इलेक्ट्रिक वाहनों को आम लोगों की पहली पसंद बनाना है। सरकार चाहती है कि EV अपनाना इतना आसान और किफायती हो कि ज्यादा से ज्यादा लोग पेट्रोल-डीजल वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक विकल्प चुनें।
प्रदूषण कम करने की दिशा में बड़ा कदम
नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति को अगले वित्तीय वर्ष से लागू किए जाने की संभावना है। इसके तहत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, सब्सिडी और सुविधाओं को और मजबूत किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस नीति से न सिर्फ पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि राजधानी की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था भी ज्यादा स्मार्ट और टिकाऊ बनेगी।