सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने पूर्व अग्निवीरों के लिए भर्ती नियमों में एक बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव किया है। बीएसएफ के महानिदेशक (DG) नितिन अग्रवाल ने घोषणा की है कि कांस्टेबल स्तर की भर्तियों में अब पूर्व अग्निवीरों को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। यह फैसला अग्निवीरों को अर्धसैनिक बलों में शामिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
इस नई घोषणा के मुताबिक, अग्निवीरों को न केवल आरक्षण का लाभ मिलेगा, बल्कि उन्हें भर्ती प्रक्रिया के दौरान होने वाली शारीरिक दक्षता परीक्षा (Physical Efficiency Test – PET) से भी पूरी तरह छूट दी जाएगी। इसका मतलब है कि उन्हें दौड़ और अन्य शारीरिक मापदंडों वाली कठिन परीक्षा से नहीं गुजरना होगा।
आयु सीमा में विशेष छूट
बीएसएफ ने आयु सीमा को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अग्निवीरों के पहले बैच को भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दी जाएगी। इसके बाद आने वाले अन्य बैचों के उम्मीदवारों को आयु सीमा में 3 वर्ष की रियायत मिलेगी। यह कदम उन युवाओं के लिए बेहद राहत भरा है जो सेना में सेवा देने के बाद अर्धसैनिक बलों में अपना करियर बनाना चाहते हैं।
अनुभव का मिलेगा सीधा लाभ
बीएसएफ महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने कहा कि अग्निवीर पहले से ही चार साल तक सेना में कठोर प्रशिक्षण और अनुशासन का पालन कर चुके होते हैं। वे पूरी तरह से तैयार सैनिक होते हैं, इसलिए उन्हें दोबारा बेसिक ट्रेनिंग देने की जरूरत नहीं होगी। सेना में उनके अनुभव का सीधा फायदा बीएसएफ को मिलेगा। वे ड्यूटी ज्वॉइन करते ही काम करने के लिए सक्षम होंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय का फैसला
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले ही केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की बात कही थी। हालांकि, बीएसएफ की यह ताजा घोषणा 50 प्रतिशत आरक्षण की बात करती है, जो कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) पदों के लिए एक बड़ा अवसर है। सरकार का उद्देश्य है कि अग्निवीरों को सेवामुक्त होने के बाद रोजगार के बेहतर और सम्मानजनक अवसर मिल सकें।
सीआईएसएफ और अन्य बलों में भी मौके
बीएसएफ के अलावा, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) जैसे अन्य संगठनों ने भी अग्निवीरों के लिए आरक्षण और छूट की घोषणाएं की हैं। सीआईएसएफ प्रमुख नीना सिंह ने भी हाल ही में कहा था कि उनके बल में भी पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत पद आरक्षित रखे जाएंगे और उन्हें भी शारीरिक परीक्षा में छूट मिलेगी। यह सभी कदम ‘अग्निपथ योजना’ को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए उठाए जा रहे हैं।
यह निर्णय उन हजारों युवाओं के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है जो अग्निपथ योजना के तहत सेना में शामिल हो रहे हैं। अब उनके पास चार साल की सेवा के बाद बीएसएफ जैसे प्रतिष्ठित बल में स्थाई करियर बनाने का एक ठोस रास्ता उपलब्ध होगा।