इंदौर : नेट बैंकिंग शुरू करते ही खाते से उड़े 1 लाख रुपए, लसूड़िया पुलिस ने दर्ज किया केस

Indore News :  डिजिटल लेनदेन की सुगमता के साथ-साथ साइबर ठगी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। ताजा मामला इंदौर के लसूड़िया थाना क्षेत्र का है, जहां एक युवक को नेट बैंकिंग सुविधा शुरू करना भारी पड़ गया।

नेट बैंकिंग एक्टिवेट होने के कुछ ही घंटों बाद ठगों ने उसके खाते में सेंध लगा दी और करीब एक लाख रुपए उड़ा ले गए। साइबर सेल की जांच के बाद पुलिस ने अब इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, घटना स्कीम नंबर 114 निवासी योगेन्द्र जादौन के साथ हुई है। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 30 अगस्त 2025 को अपने बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में नेट बैंकिंग की सुविधा शुरू करवाई थी। वे अभी इस सुविधा का उपयोग करने के लिए कोई यूपीआई ऐप डाउनलोड कर पाते, उससे पहले ही उनके साथ खेल हो गया।

बिना ऐप डाउनलोड किए ही निकल गए पैसे

सूत्रो के मुताबिक, 30 अगस्त की रात को ही शिकायतकर्ता के खाते से संदिग्ध ट्रांजेक्शन शुरू हो गए। जैसे ही पैसे कटने का मैसेज आया, उन्होंने तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर इसकी सूचना दी। हालाकि, जब तक उनकी शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई हो पाती, 1 से 3 सितंबर के बीच कई किस्तों में उनके खाते से राशि निकलती रही। कुल मिलाकर करीब एक लाख रुपए की चपत उन्हें लगी है।

साइबर सेल की जांच में हुआ खुलासा

ठगी का शिकार होने के बाद योगेन्द्र ने इंदौर साइबर सेल में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। साइबर सेल ने मामले को जांच में लिया। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई कि राशि यूपीआई ऐप के माध्यम से निकाली गई है। यह जानकर पीड़ित हैरान रह गया क्योंकि उसने बताया कि उसने तो अभी तक कोई ऐप डाउनलोड ही नहीं किया था। ऐसे में उसके खाते से यूपीआई ट्रांजेक्शन कैसे हो सकता है, यह एक बड़ा सवाल है।

तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर होगी पहचान

साइबर सेल ने अपनी जांच पूरी करने के बाद केस डायरी लसूड़िया पुलिस को सौंप दी है। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। जांच अधिकारी का कहना है कि ट्रांजेक्शन की डिटेल खंगाली जा रही है। तकनीकी साक्ष्यों और डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर जल्द ही आरोपी की पहचान कर ली जाएगी।