हरदा। मध्य प्रदेश में करणी सेना परिवार ने अपनी आगामी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। लंबे समय से चल रहे विरोध प्रदर्शनों और आंदोलनों के बाद अब संगठन ने चुनावी राजनीति में उतरने का फैसला किया है। रविवार को हरदा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान करणी सेना परिवार के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने इसका औपचारिक ऐलान किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब उनका संगठन सड़कों पर प्रदर्शन करने के बजाय विधानसभा में अपनी आवाज उठाएगा।
जीवन सिंह शेरपुर ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक हम अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर संघर्ष करते रहे हैं, लेकिन अब समय बदल गया है। उन्होंने घोषणा की कि करणी सेना परिवार अब एक राजनीतिक दल के रूप में काम करेगा। इस नई पार्टी का गठन जल्द ही किया जाएगा और इसके जरिए समाज के मुद्दों को सीधे सरकार के सामने रखा जाएगा।
आंदोलन खत्म, अब राजनीतिक लड़ाई
शेरपुर ने आंदोलन समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा कि बार-बार आंदोलन करने से आम जनता को परेशानी होती है और कई बार इसका अपेक्षित परिणाम भी नहीं मिल पाता। इसलिए, संगठन ने तय किया है कि अब वे सिस्टम का हिस्सा बनकर बदलाव लाएंगे। उन्होंने कहा, ‘अब बात सड़कों पर नहीं, बल्कि विधानसभा में होगी।’ यह फैसला संगठन की कोर कमेटी की बैठक और कार्यकर्ताओं की रायशुमारी के बाद लिया गया है।
“हम अब तक सड़कों पर लड़ते रहे, लेकिन अब लड़ाई का तरीका बदलेगा। हम अपनी राजनीतिक पार्टी बनाएंगे और विधानसभा में पहुंचकर समाज की बात रखेंगे।” — जीवन सिंह शेरपुर, प्रमुख, करणी सेना परिवार
भोपाल आंदोलन की यादें और भविष्य की राह
गौरतलब है कि इससे पहले करणी सेना परिवार ने भोपाल के जंबूरी मैदान में एक विशाल आंदोलन किया था, जिसने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी थी। उस समय सरकार के साथ हुए समझौते और 22 सूत्रीय मांगों को लेकर संगठन लगातार सक्रिय रहा है। हालांकि, कई मांगों के पूरा न होने और बार-बार आश्वासन मिलने से नाराज होकर संगठन ने अब खुद चुनावी मैदान में उतरने का मन बनाया है।
हरदा में हुआ शक्ति प्रदर्शन
हरदा के कृषि उपज मंडी में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में करणी सेना के कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद थे। यहाँ शेरपुर का जोरदार स्वागत किया गया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे अब चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। नई पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह क्या होगा, इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि करणी सेना के इस कदम से मध्य प्रदेश के आगामी राजनीतिक समीकरणों पर असर पड़ सकता है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ राजपूत समुदाय का प्रभाव अधिक है।
जीवन सिंह शेरपुर ने यह भी साफ किया कि उनकी पार्टी सर्वसमाज को साथ लेकर चलेगी। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य केवल एक जाति विशेष की बात करना नहीं, बल्कि आर्थिक आधार पर आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट जैसे मुद्दों पर तार्किक समाधान खोजना है। अब देखना होगा कि इस नई राजनीतिक पारी की शुरुआत धरातल पर कितनी प्रभावी साबित होती है।