सिहोरा जिला बनाने की मांग, सीएम मोहन यादव से मिले विधायक और संघर्ष समिति, भोपाल में हुई चर्चा

मध्य प्रदेश में नए जिलों के गठन को लेकर मांगें लगातार उठती रही हैं। इसी क्रम में सिहोरा को जिला बनाने का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। सिहोरा से भाजपा विधायक संतोष वरकड़े और ‘सिहोरा जिला संघर्ष समिति’ के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भोपाल में मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने सिहोरा को जिला घोषित करने के संबंध में एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा।

यह मुलाकात मुख्यमंत्री निवास पर हुई, जहां समिति के सदस्यों ने विस्तार से अपना पक्ष रखा। समिति ने सीएम को बताया कि सिहोरा जिला बनने की सभी अहर्ताओं को पूरा करता है। भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या और प्रशासनिक आवश्यकताओं के लिहाज से सिहोरा को अलग जिला बनाया जाना बेहद जरूरी है।

सीएम ने दिया आश्वासन

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना। सूत्रों के मुताबिक, सीएम ने आश्वस्त किया है कि सरकार इस मांग पर सकारात्मक विचार करेगी। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक पुनर्गठन और जनसुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लिया जाएगा। विधायक संतोष वरकड़े ने भी क्षेत्र की जनता की भावनाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

लंबे समय से चल रहा है आंदोलन

सिहोरा को जिला बनाने की मांग काफी पुरानी है। स्थानीय लोग और विभिन्न संगठन इसके लिए लगातार आंदोलन करते रहे हैं। इससे पहले भी कई बार धरना-प्रदर्शन और रैलियों के माध्यम से सरकार तक बात पहुंचाई गई है। सिहोरा वर्तमान में जबलपुर जिले का हिस्सा है, लेकिन जिला मुख्यालय से दूरी और विकास की गति धीमी होने के कारण अलग जिले की मांग जोर पकड़ती रही है।

संघर्ष समिति का तर्क

सिहोरा जिला संघर्ष समिति का कहना है कि सिहोरा एक ऐतिहासिक तहसील है। यहां खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में है और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था भी मजबूत है। अलग जिला बनने से यहां प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी और विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी। समिति ने चेतावनी भी दी है कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। फिलहाल, मुख्यमंत्री से हुई इस सकारात्मक चर्चा के बाद क्षेत्र के लोगों में उम्मीद जगी है।