सिंहस्थ 2028: जेपी नड्डा और सीएम मोहन यादव ने किया शिप्रा घाटों का निरीक्षण, 3 करोड़ श्रद्धालु कर सकेंगे स्नान

मध्य प्रदेश में आगामी सिंहस्थ 2028 की तैयारियां अभी से जोर पकड़ने लगी हैं। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने उज्जैन में शिप्रा नदी के घाटों का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहे। दोनों नेताओं ने सिंहस्थ महाकुंभ के लिए चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री नड्डा को घाट निर्माण की विस्तृत कार्ययोजना समझाई। उन्होंने बताया कि सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए शिप्रा नदी के किनारे 29 किलोमीटर लंबे पक्के घाटों का निर्माण किया जा रहा है। यह परियोजना श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

दाऊद खेड़ी घाट का अवलोकन

निरीक्षण के दौरान दोनों नेता शांति पैलेस के पीछे स्थित दाऊद खेड़ी घाट भी पहुंचे। यहाँ चल रहे निर्माण कार्यों और व्यवस्थाओं का उन्होंने बारीकी से अवलोकन किया। इस मौके पर उज्जैन कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने केंद्रीय मंत्री को प्रोजेक्ट की तकनीकी जानकारी दी। कलेक्टर ने नक्शे और प्लान के जरिए बताया कि किस तरह से घाटों का विस्तार किया जा रहा है ताकि भीड़ प्रबंधन सुचारू रूप से हो सके।

3 करोड़ श्रद्धालुओं की क्षमता

प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इन नए घाटों के बन जाने के बाद शिप्रा नदी की स्नान क्षमता में भारी वृद्धि होगी। अनुमान है कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद 24 घंटे के भीतर तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालु यहाँ पवित्र स्नान कर सकेंगे। यह क्षमता विस्तार सिंहस्थ जैसे विशाल आयोजन के लिए अत्यंत आवश्यक है, जहाँ देश-विदेश से करोड़ों लोग जुटते हैं।

गौरतलब है कि सिंहस्थ कुंभ हर 12 साल में उज्जैन में आयोजित होता है। 2028 में होने वाले इस महाकुंभ के लिए राज्य सरकार अभी से बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में जुटी है। घाटों का सौंदर्यीकरण और विस्तार इसी रणनीति का एक अहम हिस्सा है।