मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अब जालसाजों ने ठगी का एक नया और खतरनाक तरीका खोज निकाला है। इस बार ठग सीधे पुलिस विभाग के नाम का इस्तेमाल कर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
साइबर अपराधी लोगों के मोबाइल पर ई-चालान (E-Challan) के नाम से फर्जी मैसेज भेज रहे हैं। इन संदेशों में दावा किया जाता है कि वाहन चालक ने यातायात नियमों का उल्लंघन किया है और उसका चालान काटा गया है। घबराहट में लोग मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक कर देते हैं, जिससे वे ठगी का शिकार हो जाते हैं।
कैसे काम करता है यह गिरोह?
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ठग व्हाट्सएप या एसएमएस के जरिए एक मैसेज भेजते हैं। इसमें लिखा होता है कि ‘आपका चालान पेंडिंग है, भुगतान के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें’। जैसे ही यूजर उस लिंक को ओपन करता है, उसके मोबाइल में एक संदिग्ध APK फाइल डाउनलोड हो जाती है।
यह फाइल दरअसल एक मालवेयर या वायरस होती है। इसके इंस्टॉल होते ही हैकर्स को पीड़ित के मोबाइल का पूरा एक्सेस मिल जाता है। इसके बाद वे आसानी से बैंक खाते की जानकारी चुराकर खाते से पैसे उड़ा लेते हैं। कई मामलों में फोन के कॉन्टैक्ट्स और गैलरी तक भी हैकर्स की पहुंच हो जाती है।
पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
इंदौर पुलिस की साइबर सेल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आम जनता के लिए चेतावनी जारी की है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यातायात विभाग कभी भी किसी व्यक्तिगत मोबाइल नंबर से चालान का लिंक नहीं भेजता है।
सावधानी बरतने के निर्देश:
- किसी भी अनजान नंबर से आए चालान के लिंक पर क्लिक न करें।
- अगर चालान का मैसेज आता है, तो पहले आधिकारिक ट्रैफिक पुलिस वेबसाइट पर जाकर वाहन नंबर डालकर चेक करें।
- मोबाइल में कोई भी अनजान ऐप या APK फाइल इंस्टॉल न करें।
- संदिग्ध मैसेज की सूचना तुरंत साइबर सेल या नजदीकी थाने में दें।
पुराने मामलों से बढ़ा खतरा
यह पहली बार नहीं है जब साइबर ठगों ने सरकारी एजेंसियों का नाम इस्तेमाल किया है। इससे पहले बिजली बिल अपडेट करने और बैंक खाता बंद होने के नाम पर भी ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर भी लोगों को डराकर पैसे वसूलने की घटनाएं इंदौर और आसपास के जिलों में देखी गई थीं। पुलिस का कहना है कि जागरूकता ही इस तरह के अपराधों से बचने का सबसे कारगर उपाय है।
साइबर सेल के अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अपने मोबाइल में एंटी-वायरस अपडेट रखें और किसी भी वित्तीय लेनदेन से पहले दो बार जांच जरूर करें। यदि किसी के साथ ठगी हो जाती है, तो वे तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।