Betul News : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैतूल जिले को एक बड़ी सौगात दी है। अपने बैतूल प्रवास के दौरान उन्होंने ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी मुलताई का नाम बदलने की महत्वपूर्ण घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब मुलताई को उसके प्राचीन नाम ‘मूलतापी’ के नाम से जाना जाएगा। यह घोषणा उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा की मौजूदगी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव यहां एक नए मेडिकल कॉलेज के भूमिपूजन समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। इस अवसर पर उन्होंने न केवल मुलताई के नाम परिवर्तन की बात कही, बल्कि बैतूल की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए एक आदिवासी संग्रहालय बनाने का भी ऐलान किया।
विधायक ने भेजा था प्रस्ताव
नाम परिवर्तन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए सीएम ने बताया कि स्थानीय विधायक चंद्रशेखर देशमुख की ओर से इस संबंध में एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। राज्य सरकार इस प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हुए आगे बढ़ाएगी। मुलताई का नाम बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही थी, जिसे अब अमलीजामा पहनाया जाएगा।
‘मूलतापी’ नाम का धार्मिक महत्व
नगर के विद्वानों और धर्माचार्यों के अनुसार, प्राचीन काल में इस स्थान को ‘मूलतापी’ ही कहा जाता था। पंडित सौरभ जोशी ने बताया कि ‘मूलतापी’ का शाब्दिक अर्थ है ‘ताप्ती नदी का मूल स्थान’। ताप्ती नदी देश की प्रमुख नदियों में से एक है और इसका उद्गम स्थल मुलताई ही है। इसी वजह से यह नगर धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है।
नगरवासियों में उत्साह का माहौल
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद मुलताई नगर में खुशी की लहर है। स्थानीय नागरिक, सामाजिक संगठन और संत समाज लंबे समय से मुलताई की ऐतिहासिक पहचान को पुनर्स्थापित करने की मांग कर रहे थे। लोगों का मानना है कि नाम परिवर्तन से नगर की प्राचीन पहचान को मजबूती मिलेगी।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, हर साल हजारों श्रद्धालु ताप्ती माता के दर्शन और पूजन के लिए यहां आते हैं। नाम बदलकर ‘मूलतापी’ होने से धार्मिक पर्यटन को भी नया आयाम मिलने की उम्मीद है। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया है।