3210 मतदान केंद्रों के साथ इंदौर तैयार, फरवरी में जारी होगी अंतिम मतदाता सूची

इंदौर जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की निगरानी में कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी क्रम में आयोग द्वारा मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए नियुक्त रोल पर्यवेक्षक एवं भारत सरकार के संयुक्त सचिव बृजमोहन मिश्रा की उपस्थिति में 23 दिसंबर 2025 को इंदौर में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी शिवम वर्मा ने की, जिसमें पुनरीक्षण कार्य से जुड़े सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

पारदर्शिता और समयबद्धता पर विशेष जोर

बैठक के दौरान रोल पर्यवेक्षक बृजमोहन मिश्रा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता और निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पूरी की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से बाहर न रहे और किसी भी अपात्र व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में शामिल न हो। इंदौर जिले में चल रहे पुनरीक्षण कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने जिले के प्रयासों की सराहना की और विश्वास जताया कि इंदौर अपने निर्धारित लक्ष्यों को समय पर हासिल करेगा।

कलेक्टर ने दी पुनरीक्षण कार्यों की विस्तृत जानकारी

बैठक में कलेक्टर शिवम वर्मा ने जिले में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण की अब तक की प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मतदाता जागरूकता के लिए विभिन्न अभियान चलाए गए हैं और कई नवाचार भी किए गए हैं, जिससे अधिक से अधिक नागरिक इस प्रक्रिया से जुड़ सकें। कलेक्टर ने कहा कि जिस तरह इंदौर स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी रहा है, उसी तरह यह जिला मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगा।

मतदाता आंकड़े और पुनरीक्षण की स्थिति

बैठक में बताया गया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 27 अक्टूबर 2025 को विशेष गहन पुनरीक्षण की अधिसूचना जारी की गई थी और उसी दिन की मतदाता सूची को आधार मानते हुए फ्रीज किया गया। उस समय जिले में कुल 28 लाख 67 हजार 294 मतदाता दर्ज थे, जिनमें 14 लाख 42 हजार 208 पुरुष, 14 लाख 24 हजार 980 महिला और 106 अन्य मतदाता शामिल थे।

4 नवंबर से 18 दिसंबर 2025 तक गणना पत्रकों का वितरण कर बीएलओ के माध्यम से उन्हें एकत्र कर डिजिटाइज किया गया। अंतिम तिथि तक कुल 24 लाख 20 हजार 171 गणना पत्रकों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है। इसके अलावा जिले में नो मैपिंग श्रेणी में 1 लाख 33 हजार मतदाता तथा अनुपस्थित, स्थानांतरित और मृत श्रेणी में 4 लाख 47 हजार 123 मतदाता चिन्हित किए गए हैं, जिनके आवेदन बीएलओ द्वारा ऐप पर अपलोड किए गए हैं।

मतदान केंद्रों का युक्तियुक्तकरण

पुनरीक्षण के साथ-साथ जिले में मतदान केंद्रों का युक्तियुक्तकरण भी किया गया है। पहले जिले में 2625 मतदान केंद्र थे, जिन्हें पुनर्गठित कर 585 नए मतदान केंद्र जोड़े गए हैं। इस प्रक्रिया के बाद अब इंदौर जिले में कुल 3210 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिससे मतदाताओं को मतदान में अधिक सुविधा मिलेगी।

प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन

भारत निर्वाचन आयोग के तय कार्यक्रम के अनुसार 23 दिसंबर 2025 को जिले की प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन किया गया। यह सूची जिले के सभी 3210 मतदान केंद्रों और सभी 9 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध कराई गई है। वर्तमान प्रारूप सूची में कुल 24 लाख 20 हजार 171 मतदाता दर्ज हैं, जिनमें 12 लाख 20 हजार 628 पुरुष, 11 लाख 99 हजार 450 महिला और 93 अन्य मतदाता शामिल हैं।

दावे-आपत्ति की प्रक्रिया और अंतिम सूची

बताया गया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक बीएलओ के मान से कुल 3210 बीएलओ नियुक्त किए गए हैं, वहीं प्रत्येक 10 मतदान केंद्रों पर एक सुपरवाइजर के हिसाब से 280 बीएलओ सुपरवाइजर तैनात किए गए हैं। निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के अनुसार 23 दिसंबर 2025 से 22 जनवरी 2026 तक मतदाता दावे-आपत्ति और अन्य आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए जिले में 58 विशेष केंद्र बनाए गए हैं, जहां मतदाताओं की सुविधा के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी। नो मैपिंग श्रेणी के मतदाताओं को बीएलओ के माध्यम से नोटिस देकर दस्तावेज प्रस्तुत करने और सुनवाई का अवसर दिया जाएगा। जिले की अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 21 फरवरी 2026 को किया जाएगा।