ग्रामीण पर्यटन से बदली तस्वीर, होम स्टे ने बढ़ाई आमदनी, MP बना पसंदीदा डेस्टिनेशन

मध्यप्रदेश सरकार पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि भोपाल, इंदौर और महेश्वर को ‘क्रिएटिव सिटी’ के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि राज्य की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक मंच पर मजबूती मिल सके। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष प्रदेश में 14 करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ, जिनमें बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी शामिल थे।

होम स्टे से ग्रामीणों की आय में इजाफा

मंत्री लोधी ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग 400 होम स्टे संचालित हो रहे हैं, जिनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने करीब 7 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है। सरकार का लक्ष्य आने वाले समय में 1,000 होम स्टे विकसित करने का है, जिससे ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

पर्यटन विभाग को मिले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान

पर्यटन मंत्री ने बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में किए गए नवाचारों और विकास कार्यों के चलते विभाग को पिछले दो वर्षों में 18 से अधिक पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं। प्रदेश में लगभग 900 करोड़ रुपये की लागत से 20 से अधिक सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। सरकार की प्राथमिकता में 10 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों का संरक्षण और विकास भी शामिल है।

निवेश को बढ़ावा देने के लिए बड़े आयोजन

पर्यटन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए राज्य में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव और मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट जैसे बड़े आयोजनों का आयोजन किया गया। इन आयोजनों के माध्यम से लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो भविष्य में पर्यटन अधोसंरचना को और मजबूत करेंगे।

ओंकारेश्वर में अद्वैत लोक का विकास

मंत्री लोधी ने बताया कि ओंकारेश्वर को अद्वैत लोक के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके प्रथम चरण में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जा चुकी है। वहीं, द्वितीय चरण में अद्वैत लोक के निर्माण के लिए 2424 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। यह परियोजना धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।

पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों और नवाचारों का परिणाम यह रहा कि पिछले वर्ष मध्यप्रदेश में पर्यटकों की संख्या में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो देश में सर्वाधिक है। प्रदेश की धरती पर 14 करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन इस बात का प्रमाण है कि मध्यप्रदेश पर्यटन के नक्शे पर तेजी से उभर रहा है।

धार्मिक और सांस्कृतिक योजनाओं को मिली गति

पिछले दो वर्षों में भगवान श्रीराम से जुड़े रामचंद्र वनगमन पथ की संकल्पना को साकार किया गया है। इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण पर केंद्रित श्री कृष्ण पाथेय योजना को भी स्वीकृति दी गई है, जिससे धार्मिक पर्यटन को और सशक्त किया जाएगा।

साहित्यिक गजेटियर और संग्रहालयों की नई श्रृंखला

मंत्री लोधी ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों के साहित्यिक गजेटियर तैयार किए जा रहे हैं। अब तक 15 जिलों के गजेटियर पूर्ण हो चुके हैं। इसके अलावा उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर, सागर, पन्ना, जबलपुर और महेश्वर जैसे शहरों में विशिष्ट संग्रहालयों की नई श्रृंखला विकसित की जा रही है, जो प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का कार्य करेगी।

संस्कृति और तीर्थ पर्यटन में नई उपलब्धियां

संस्कृति के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने 8 विश्व कीर्तिमान स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत पिछले दो वर्षों में लगभग 25 हजार तीर्थयात्रियों को लाभ मिला है। इसी अवधि में 132 शासन-प्रबंधित मंदिरों का जीर्णोद्धार भी किया गया है।

पर्यटन को जीडीपी का मजबूत आधार बनाने की तैयारी

सरकार का लक्ष्य प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का योगदान बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक ले जाना है। इसके लिए 500 नए होटलों के माध्यम से 20 हजार नए कमरों और 500 मार्ग सुविधा केंद्रों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही सुरक्षित और समावेशी पर्यटन के लिए 50 हजार महिलाओं और बालिकाओं को प्रशिक्षण देने की योजना भी बनाई गई है।

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना से हजारों को लाभ

वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत 20 ट्रेनों का संचालन कर 16 हजार तीर्थयात्रियों को तीर्थ यात्रा करवाई गई। आने वाले वर्ष में 8 ट्रेनों के जरिए 6,400 यात्रियों को लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा 25 वायुयानों के माध्यम से 800 यात्री पहले ही तीर्थ यात्रा कर चुके हैं।

यूनेस्को विश्व धरोहर सूची के लिए नए प्रयास

वर्ष 2025 में मध्यप्रदेश के 15 नए स्थलों को यूनेस्को की टेंटेटिव सूची में शामिल किया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत वैश्विक मानकों पर खरी उतरती है। भारत के कुल 69 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से 15 स्थल मध्यप्रदेश में स्थित हैं।

ओरछा, मांडू और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए नॉमिनेशन डोजियर प्रस्तुत किए गए हैं, जबकि भेड़ाघाट और लम्हेटाघाट के लिए भी जल्द प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

पर्यटन अधोसंरचना को मिल रहा नया स्वरूप

कुशाभाऊ कन्वेंशन सेंटर को अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर के रूप में विकसित करने का कार्य प्रारंभ हो चुका है, जिस पर 99.38 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उज्जैन, शहडोल और पचमढ़ी में नए हेरिटेज और लग्जरी होटलों का संचालन शुरू हो गया है। इसके साथ ही तीन नए फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट स्थापित किए गए हैं। चंदेरी में देश का पहला क्राफ्ट टूरिज्म विलेज विकसित किया गया है, जबकि महेश्वर और कुक्षी में भी इसी तरह के कार्य जारी हैं। बीते दो वर्षों में प्रदेश में 8 हजार से अधिक नए होटल और रिसॉर्ट रूम्स विकसित किए जा चुके हैं।