भारत में हर साल 24 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस’ (National Consumer Day) मनाया जाता है। यह दिन भारतीय बाजार में उपभोक्ताओं की भूमिका और उनके अधिकारों को रेखांकित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को ठगी, कालाबाजारी और अनुचित व्यापार प्रथाओं से बचाना है।
एक जागरूक उपभोक्ता ही बाजार की दिशा तय करता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा ‘जागो ग्राहक जागो’ जैसे अभियान चलाए जाते हैं। यह दिन न केवल अधिकारों की बात करता है, बल्कि उपभोक्ताओं को उनकी जिम्मेदारियों का भी अहसास कराता है।
क्यों मनाया जाता है 24 दिसंबर को?
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस की तारीख का ऐतिहासिक महत्व है। 24 दिसंबर 1986 को ही भारत में ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम’ (Consumer Protection Act) को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी। यह कानून भारतीय उपभोक्ताओं के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ। इसके बाद, साल 2000 में पहली बार राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया गया। तब से हर साल इस तारीख को देशभर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में बदलाव
समय के साथ बाजार के तौर-तरीकों में बदलाव आया, विशेषकर ई-कॉमर्स के बढ़ने से। इसे देखते हुए पुराने कानून की जगह ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019’ लाया गया। यह नया कानून 20 जुलाई 2020 से प्रभावी हुआ। इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के लेनदेन को शामिल किया गया है, जिससे डिजिटल युग में भी उपभोक्ताओं के हित सुरक्षित रहें।
उपभोक्ताओं के 6 प्रमुख अधिकार
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत हर भारतीय ग्राहक को छह मौलिक अधिकार दिए गए हैं, जिनकी जानकारी होना आवश्यक है:
1. सुरक्षा का अधिकार: ऐसी वस्तुओं और सेवाओं से सुरक्षा जो जीवन या संपत्ति के लिए खतरनाक हो सकती हैं।
2. सूचना का अधिकार: उत्पाद की गुणवत्ता, मात्रा, शुद्धता, मानक और मूल्य के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना।
3. चुनने का अधिकार: प्रतिस्पर्धी कीमतों पर विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं तक पहुंच का अधिकार।
4. सुनवाई का अधिकार: अपनी शिकायत उचित मंच पर रखने और उस पर सुनवाई की उम्मीद करने का अधिकार।
5. निवारण का अधिकार: अनुचित व्यापार प्रथाओं या शोषण के खिलाफ मुआवजा या समाधान पाने का अधिकार।
6. उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार: अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने और ज्ञान प्राप्त करने का अधिकार।
शिकायत कहां और कैसे करें?
अगर किसी उपभोक्ता को लगता है कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है, तो वह उपभोक्ता आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। वर्तमान में जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता आयोग कार्यरत हैं। सरकार ने शिकायत प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।
जागरूकता ही बचाव है। उत्पाद खरीदते समय हमेशा बिल मांगना, एक्सपायरी डेट चेक करना और आईएसआई (ISI) या एगमार्क (Agmark) जैसे मानकों की जांच करना एक जिम्मेदार उपभोक्ता की पहचान है।