उज्जैन सिंहस्थ 2028: होटलों का विस्तार और नई पर्यटन नीति पर सरकार का जोर, मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने दी जानकारी

मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ 2028 को लेकर अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। राज्य के संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने बताया कि महाकुंभ के आयोजन के लिए पर्यटन सुविधाओं का व्यापक विस्तार किया जा रहा है। सरकार का मुख्य फोकस उज्जैन और आसपास के क्षेत्रों में होटल क्षमता बढ़ाने और पर्यटकों के लिए बेहतर इंतजाम करने पर है।

मंत्री लोधी ने जानकारी दी कि सिंहस्थ 2028 एक विशाल धार्मिक आयोजन होगा, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार निजी निवेशकों को होटल और रिसॉर्ट्स बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। नई पर्यटन नीति के तहत निवेशकों को कई तरह की रियायतें और सुविधाएं दी जा रही हैं ताकि कम समय में अच्छी गुणवत्ता वाली सुविधाएं तैयार हो सकें।

पर्यटन क्षेत्र में बढ़ा निवेश

धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि मध्य प्रदेश अब पर्यटन के क्षेत्र में एक प्रमुख राज्य बनकर उभरा है। पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। उज्जैन में महाकाल लोक के निर्माण के बाद से धार्मिक पर्यटन में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। सरकार का मानना है कि सिंहस्थ 2028 तक यह संख्या और बढ़ेगी, जिसके लिए अभी से इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करना जरूरी है।

होटल विस्तार की योजना

सिंहस्थ की तैयारियों के तहत उज्जैन में नए होटलों के निर्माण और पुराने होटलों के विस्तार पर काम चल रहा है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि श्रद्धालुओं को ठहरने, खाने-पीने और परिवहन की कोई समस्या न हो। इसके अलावा, होम-स्टे योजना को भी बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिले और पर्यटकों को घर जैसा माहौल मिल सके।

“सिंहस्थ 2028 न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र होगा, बल्कि यह मध्य प्रदेश के पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। हम पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार हो रहे हैं।” — धर्मेंद्र सिंह लोधी, पर्यटन राज्य मंत्री

कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान

पर्यटन सुविधाओं के साथ-साथ सरकार कनेक्टिविटी सुधारने पर भी जोर दे रही है। इंदौर और उज्जैन के बीच मेट्रो और वंदे भारत जैसी ट्रेनों के संचालन पर विचार किया जा रहा है। सड़कों का चौड़ीकरण और हवाई पट्टी का विस्तार भी प्रस्तावित योजनाओं में शामिल है। सरकार का लक्ष्य है कि 2028 तक उज्जैन तक पहुंचना और वहां ठहरना श्रद्धालुओं के लिए एक सुखद अनुभव हो।

उल्लेखनीय है कि 2016 के सिंहस्थ में भी करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे थे। उस अनुभव से सीख लेते हुए, प्रशासन इस बार और अधिक व्यवस्थित और हाई-टेक इंतजाम करने में जुटा है। पर्यटन विभाग लगातार हितधारकों के साथ बैठकें कर रहा है ताकि सभी परियोजनाओं को समय सीमा के भीतर पूरा किया जा सके।