मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा के विस्तार के लिए राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मोहन यादव सरकार ने प्रदेश में मेडिकल कॉलेज खोलने के इच्छुक निजी निवेशकों के लिए नियमों में बड़ी रियायत दी है। अब निवेशकों को मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए सरकार की ओर से मात्र 1 रुपये की टोकन राशि पर जमीन उपलब्ध कराई जा रही है।
इस नई नीति के तहत, निजी संस्थाओं को 25 एकड़ जमीन 99 साल की लीज पर दी जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के उन जिलों में भी चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाना है जहां सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं हैं या स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है। सरकार का मानना है कि इस कदम से न केवल एमबीबीएस की सीटें बढ़ेंगी बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में भी बेहतर इलाज मिल सकेगा।
पीपीपी मॉडल पर विशेष जोर
राज्य सरकार पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने का प्रयास कर रही है। इस योजना के अंतर्गत, निजी क्षेत्र के निवेशक अगर जिला अस्पतालों के साथ मिलकर मेडिकल कॉलेज खोलते हैं, तो उन्हें यह विशेष सुविधा मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज हो, ताकि छात्रों को पढ़ाई के लिए बाहर न जाना पड़े और स्थानीय स्तर पर ही डॉक्टर तैयार हो सकें।
निवेशकों के लिए क्या हैं शर्तें?
हालांकि जमीन बेहद कम कीमत पर दी जा रही है, लेकिन इसके लिए कुछ सख्त नियम भी तय किए गए हैं। निवेशकों को तय समय सीमा के भीतर मेडिकल कॉलेज का निर्माण पूरा करना होगा। इसके अलावा, कॉलेज के साथ एक अस्पताल संचालित करना भी अनिवार्य होगा, जिसमें गरीबों और जरूरतमंदों के लिए आरक्षित बेड और रियायती इलाज की व्यवस्था करनी होगी। सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि जमीन का उपयोग केवल चिकित्सा और शैक्षणिक कार्यों के लिए ही किया जा सकेगा।
पुराने फैसलों से आगे बढ़ी सरकार
इससे पहले भी शिवराज सिंह चौहान की सरकार के दौरान मेडिकल कॉलेजों के विस्तार के लिए कई प्रयास किए गए थे। तब भी पीपीपी मॉडल की चर्चा हुई थी, लेकिन जमीन की कीमतें और जटिल नियम निवेशकों के लिए बाधा बन रहे थे। अब मोहन यादव सरकार ने उन बाधाओं को दूर करते हुए ‘लैंड लीज पॉलिसी’ को बेहद सरल और आकर्षक बना दिया है। पहले चरण में भिंड, बालाघाट, कटनी जैसे जिलों को प्राथमिकता दी जा रही है जहां अभी मेडिकल कॉलेजों की सख्त जरूरत है।
स्वास्थ्य सुविधाओं में आएगा बड़ा बदलाव
विशेषज्ञों का मानना है कि 1 रुपये में 25 एकड़ जमीन देने का फैसला गेम-चेंजर साबित हो सकता है। इससे बड़े कॉर्पोरेट अस्पताल समूह और शिक्षण संस्थान मध्य प्रदेश की ओर आकर्षित होंगे। इससे न केवल स्वास्थ्य ढांचा मजबूत होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों की नियुक्ति से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।