मध्य प्रदेश में पेंशन व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से प्रदेश के सभी जिला पेंशन कार्यालयों को बंद करने का निर्णय लिया है। इस फैसले का सीधा असर लाखों पेंशनभोगियों और सरकारी कामकाज की शैली पर पड़ेगा। अब पेंशन से जुड़े तमाम काम जिला स्तर के बजाय सीधे राजधानी भोपाल से संचालित होंगे।
वित्त विभाग ने इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसका मुख्य उद्देश्य पेंशन वितरण प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और त्वरित बनाना है। सरकार का मानना है कि इससे न केवल काम की गति बढ़ेगी बल्कि अनावश्यक कागजी कार्रवाई में भी कमी आएगी।
अब ऐसे होगा पेंशन का भुगतान
वर्तमान व्यवस्था के तहत पेंशन के प्रकरण जिला पेंशन कार्यालयों में तैयार होते हैं और वहीं से ट्रेजरी के माध्यम से भुगतान की प्रक्रिया पूरी की जाती है। नई व्यवस्था लागू होने के बाद यह पूरा सिस्टम बदल जाएगा। अब पेंशन का भुगतान सीधे भोपाल स्थित मुख्यालय से किया जाएगा।
इसके लिए एक ‘इंटीग्रेटेड पेंशन मैनेजमेंट सिस्टम’ तैयार किया जा रहा है। इस सेंट्रलाइज्ड सिस्टम के जरिए पेंशन सीधे हितग्राहियों के बैंक खातों में जमा होगी। इससे जिलों में फाइलों के अटकने या देरी होने की संभावना खत्म हो जाएगी।
कर्मचारियों का होगा समायोजन
जिला पेंशन कार्यालय बंद होने से वहां तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों के भविष्य को लेकर भी सरकार ने योजना बनाई है। इन कार्यालयों में पदस्थ स्टाफ को कलेक्ट्रेट की वित्त शाखा या अन्य विभागों में मर्ज (समायोजित) किया जाएगा।
वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस बदलाव से मैनपावर का बेहतर उपयोग हो सकेगा। जो कर्मचारी अब तक केवल पेंशन के काम में लगे थे, उनकी सेवाएं अब अन्य वित्तीय कार्यों में ली जा सकेंगी। हालांकि, इस प्रक्रिया में किसी की नौकरी जाने का खतरा नहीं है, केवल कार्यस्थल और जिम्मेदारी में बदलाव होगा।
पेंशनरों को मिलेगी राहत
अक्सर पेंशनरों को अपनी पेंशन शुरू करवाने या एरियर निकलवाने के लिए जिला कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे। कई बार बाबूओं की मनमानी की शिकायतें भी सामने आती थीं। नई ऑनलाइन और केंद्रीकृत व्यवस्था से मानवीय हस्तक्षेप कम होगा।
पेंशनरों को अब अपनी समस्याओं के लिए स्थानीय दफ्तरों में भटकना नहीं पड़ेगा। वे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी स्थिति जान सकेंगे। सरकार का दावा है कि इस कदम से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और पेंशनरों को समय पर उनका हक मिल सकेगा।
गौरतलब है कि यह बदलाव वित्त विभाग के आधुनिकीकरण प्रक्रिया का हिस्सा है। इससे पहले भी सरकार ने ट्रेजरी और वित्त से जुड़े कई कार्यों को ऑनलाइन कर प्रक्रिया को सरल बनाया है। 1 अप्रैल से लागू होने वाले इस नियम के लिए सभी जिलों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं।